पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी ने कहा है कि वह अपनी बेटियों को बाहर जाकर खेलने से मना किया करते हैं. अफरीदी ने अपनी आत्मकथा 'गेम चेंजर' में लिखा है कि वह 'सामाजिक और धार्मिक कारणों' से अपनी चार बेटियों (अंशा, अजवा, असमारा और अक्सा) को बाहर जाकर खेलने की इजाजत नहीं देते. नारीवादी लोग उनके फैसले के बारे में जो चाहें, कह सकते हैं.


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अफरीदी की आत्मकथा के हवाले से बताया, "नारीवादी लोग मेरे निर्णय के बारे में जो चाहें कह सकते हैं."


अफरीदी ने कहा कि उनकी बेटियां 'खेल में अच्छी' हैं, लेकिन उन्हें केवल इनडोर खेल की अनुमति है.


उन्होंने कहा, "अजवा और असमारा सबसे छोटी हैं और ड्रेस-अप खेलना बहुत पसंद है. जबतक वे घर में हैं, तबतक मेरी तरफ से उन्हें हर खेल खेलने की अनुमति है. क्रिकेट? नहीं मेरी लड़कियों के लिए नहीं. उन्हें सभी इनडोर गेम खेलने की अनुमति है, लेकिन मेरी बेटियां सार्वजनिक खेल गतिविधियों में भाग नहीं लेने वाली हैं."


अफरीदी की आत्मकथा पहले से ही सुर्खियां बटोर रही है. ऐसा कश्मीर पर उनके विचारों, उम्र का राज खोलने, अन्य पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ियों की आलोचना या 2010 के स्पॉट फिक्सिंग कांड के दौरान कदाचार के बारे में जागरूक होने के उनके दावे के कारण हो सकता है.


अफरीदी ने हाल ही में रिलीज हुई अपनी आत्मकथा में कई खुलासे किए. उन्होंने इसमें कश्मीर और 2010 स्पॉट फिक्सिंग मामले पर भी बात की है.