ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर शेन वार्न अपनी नई किताब 'नो स्पिन' लेकर आए हैं. किताब के पन्नों में क्रिकेट का इतिहास समेटने की उनकी कोशिश के बीच विवाद उठना लाजिमी है. अपनी किताब में उन्होंने विवाद का पहला पन्ना ही अपने कप्तान रहे स्टीव वॉ के लिए खोला था, एक बार फिर उनके निशाने पर वॉ हैं लेकिन उससे पहले उन्होंने 'बॉडीलाइन' का स्वागत किया है.
आपको बता दें कि 1932-33 के एशेज के दौरान सर डॉन ब्रैडमेन की बल्लेबाजी को रोकने के लिए इंग्लैंड के कप्तान डगलस जॉर्डिन ने बॉडीलाइन गेंदबाजी का रुख अपनाया था जिसे लेकर कई विवाद भी उठे थे. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ब्रैडमैन के बॉडी को निशाना बना रहे थे, इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज को काफी चोटें भी आई. इंग्लैंड ने इस रणनीति के चलते 4-1 से सीरीज जीती लेकिन इससे ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेट संबंधों में तल्खी आ गई थी.
इंग्लैंड के कप्तान डगलस जॉर्डिन के खेल के इस नकारात्मक रवैये को लेकर आलोचनाएं काफी हुई लेकिन अब वॉर्न ने उनका समर्थन किया है.
टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले वार्न ने डगलस को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक मानते हुए लिखा,‘‘ डगलस जॉर्डिन ने ब्रैडमैन के सामने कामयाबी हासिल की और खेल के मानदंड बदलने का साहस उनमें था.’’
जॉर्डिन को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट जगत में खलनायक के रूप में देखा जाता है.
औसत सुधारने के लिए खेलते थे वॉ
वार्न ने पूर्व कप्तान स्टीव वॉ को स्वार्थी कहा. उन्होंने कहा कि 1999 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगा में चौथे टेस्ट में जब वॉ ने उन्हें बाहर किया था तो उन्हें बहुत दुख हुआ था.
उन्होंने कहा ,‘‘उसके बाद मेरी नजर में उनका सम्मान कम हो गया. मुझे लगता है कि कप्तान को अपने खिलाड़ियों का साथ हर समय देना चाहिए. उससे खिलाड़ियों से इज्जत मिलती है और वे आपके लिये खेलते हैं. उन्हें वह सम्मान नहीं मिला.’’
उन्होंने कहा ,‘‘स्टीव वॉ सबसे स्वार्थी खिलाड़ियों में से थे. उन्हें सिर्फ अपने औसत की चिंता थी.’’