चहल टीवी पर शमी और ठाकुर ने बताया कि आखिरी ओवर करते समय उनके दिमाग में क्या चल रहा था.
शमी ने कहा, "मैं अच्छी यॉर्कर गेंदें फेंकने की कोशिश कर रहा था. मैंने पहली गेंद पर यही कोशिश की लेकिन गेंद हाथ से छूट गए और छक्का चला गया. इसके बाद मेरे पास कुछ बचा नहीं था. मैं सोच रहा था कि खाली गेंदें कैसे निकालूं. मुझे लगा कि हम पहले ही हार चुके हैं. इसलिए मैंने सोचा कि कुछ बाउंसर डालने की कोशिश करता हूं. विलियम्सन आउट हो गए. मुझे लगा छोटी गेंद काम करेगी. स्कोर जब बराबर हो चुका था तो मेरे पास एक ही विकल्प बचा था कि मैं गेंद खाली निकालूं इसलिए मैं यॉर्कर के लिए गया और वो सफल रही."
चौथे मैच में में मैन ऑफ द मैच चुने गए ठाकुर ने कहा, "काफी सारा दबाव था. मैं पहली गेंद से ही विकेट लेने की कोशिश कर रहा था. बल्लेबाज आमतौर पर चौका या छक्का मारने की कोशिश करता है और मैच को जल्दी खत्म करना चाहता है. मैंने सोचा था कि मैं धीमी गेंद डालूंगा और बल्लेबाज को बड़ा शॉट मारने के लिए उकसाऊंगा. प्लान काम कर गया."
उन्होंने कहा, "दूसरी गेंद पर जब चौका पड़ा तो मैं परेशान हो गया लेकिन मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी. हमने देखा था कि शमी भाई ने पहली गेंद पर छक्का खाने के बाद वापसी की थी और तीन गेंदों पर पांच रन बचाए थे. यह तब हुआ तो यह दोबारा भी हो सकता है."