Shikhar Dhawan Team India Selection Story: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने अपने शानदार करियर में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. भारतीय क्रिकेट के 'गब्बर' के नाम से मशहूर इस दिग्गज ने संदीप पाटिल और दिलीप वेंगसरकर की दूरदर्शिता और साहसिक फैसलों की बदौलत अपने करियर में बुलंदियों को छुआ. जब ये दोनों टीम इंडिया के चयनकर्ता थे, तो उन्होंने सही समय पर धवन को मौका दिया, जिसके बिना शिखर धवन का करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो सकता था.


सहवाग की जगह शिखर धवन को मिली टीम में जगह
2013 में जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज चल रही थी, तब टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग आउट ऑफ फॉर्म थे. ऐसे में टीम मैनेजमेंट के सामने सवाल था कि सहवाग की जगह कौन लेगा? इस दौरान संदीप पाटिल ने शिखर धवन का नाम आगे बढ़ाया.


इस फैसले के बारे में बात करते हुए संदीप पाटिल ने टीओआई से कहा, "एक युवा क्रिकेटर को तब सपोर्ट किया जाना चाहिए जब वह फॉर्म में हो. सही समय पर सही मौका मिलना बहुत जरूरी है. उस समय शिखर ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर इंडिया ए के लिए दोहरा शतक और शतक लगाया था. हालांकि मेरे सभी चार सह-चयनकर्ताओं ने मेरे फैसले का विरोध किया, लेकिन अंत में शिखर ने साबित कर दिया कि मेरा फैसला सही था. उन्होंने मुझे सही साबित किया और टेस्ट डेब्यू पर शतक बनाया."


शिखर धवन ने जड़ा पहले टेस्ट मैच में शतक
मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के लिए शिखर धवन को टीम में शामिल करने का फैसला किया गया. धवन ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और 174 गेंदों पर 187 रनों की तूफानी पारी खेली. इस पारी में धवन ने 85 गेंदों पर शतक पूरा किया, जो टेस्ट डेब्यू पर सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड है.


दिलीप वेंगसरकर की वजह से पहले भी बचा था शिखर धवन का करियर
शिखर धवन के करियर को दिलीप वेंगसरकर ने एक और महत्वपूर्ण मोड़ पर बचाया था. धवन को 2004 के अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था. उस समय वेंगसरकर बीसीसीआई के टैलेंट रिसर्च डेवलपमेंट विंग (TRDW) के अध्यक्ष थे. उन्होंने चयनकर्ताओं को आश्वस्त किया कि शिखर धवन एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं, भले ही उन्होंने मुंबई में आयोजित ट्रायल मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया हो. वेंगसरकर के इस समर्थन के बाद धवन को टीम में शामिल किया गया और उन्होंने टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाकर खुद को साबित किया.


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