भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सिर्फ एक फॉर्मेट में खेलने के बावजूद सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को कोई मलाल नहीं है और वह इसमें अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखना चाहते हैं. सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में वेस्टइंडीज दौरे पर वनडे फॉर्मेट में टीम की अगुवाई करने वाले धवन ने अपने 37वें जन्मदिन से पहले खुद से वादा किया है कि वह जब तक टीम के लिए उपयोगी रहेंगे तभी तक खेलेंगे. 


धवन ने वेस्टइंडीज में वनडे सीरीज में टीम की सफलतापूर्वक अगुवाई करने के बाद पीटीआई-भाषा को दिये विशेष साक्षात्कार में कहा, मैं जब तक ही भारत के लिए खेलूंगा, जब तक टीम के लिए उपयोगी रहूंगा. मैं टीम पर बोझ बनना पसंद नहीं करूंगा. 


धवन ने साल 2020 की शुरुआत से वेस्टइंडीज दौरे तक भारत के लिए 22 वनडे में 10 अर्धशतक की मदद से 975 रन बनाये और भारतीय खिलाड़ियों में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. धवन से जब इन आंकड़ों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं शांत और परिपक्व व्यक्ति हूं. यह प्रदर्शन मेरे अनुभव को दर्शाता है. खेल को लेकर मेरी समझ काफी मजबूत है और मैंने अपनी तकनीक में सुधार के लिए काफी मेहनत की है. एक प्रारूप को समझना भी बहुत महत्वपूर्ण है. मैं वनडे प्रारूप की जरूरतों को समझता हूं और इससे मुझे बहुत मदद मिली है. 


पूरी दुनिया में जब टी20 प्रारूप की लोकप्रियता काफी बढ़ गयी है और वनडे सीरीज के आयोजन में कमी आयी है. ऐसे में सिर्फ एक प्रारूप में खेलने के बारे में पूछे जाने पर धवन ने कहा, मुझे इस बात को लेकर कभी निराशा नहीं हुई. मैं इन चीजों के बारे में सोचना पसंद नहीं करता हूं कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ एक प्रारूप में खेल रहा हूं. मैं इसे इस तरह से देखता हूं कि मुझे दो या तीन महीने में खेलने का मौका मिलता है और इससे मुझे तरोताजा रहने में मदद मिलती है. 


धवन के लिए यह महत्वपूर्ण है कि जो नहीं है उस पर निराशा जताने की जगह उसे महत्व दें, जो उनके पास है। उन्होंने कहा, मुझे जो मिलता है , मैं उसी में खुश रहता हूं. भारत के लिए अगर मैं एक प्रारूप में खेल रहा हूं तो मेरी कोशिश यह होती है कि मैं अपना सब कुछ उसी प्रारूप में दूं. मैं सकारात्मक सोच वाला इंसान हूं. आपको मेरे अंदर कोई नकारात्मकता नहीं मिलेगी. 


धवन ने कहा कि उम्र के साथ उनकी फिटनेस और बेहतर होती जा रही है. उन्होंने कहा, मैं 36 साल का हूं और पहले से काफी अधिक फिट हूं. मेरा कौशल भी अच्छा हुआ है. मैंने जिम, योग, दौड़ के साथ शारीरिक कसरत कर खुद को बेहतर बनाया है. देश के लिए 155 एकदिवसीय में 6500 के आसपास रन बनाने वाले धवन अब जिम्बाब्वे दौरे पर भारतीय टीम की अगुवाई करेंगे.


वहीं टीम के नेतृत्व के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, कप्तान के तौर पर मैं अपने गेंदबाजों पर विश्वास करता हूं और पहले उनकी योजनाओं को ही अपनाता हूं. शीर्ष स्तर पर हर कोई पेशेवर होता है और सब को अपनी जिम्मेदारी का अंदाजा होता है.


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