IND vs NZ ODI Series: न्यूजीलैंड के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज की कमान शिखर धवन (Shikhar Dhawan) के हाथों में है. यह पहली बार नहीं है जब वह टीम इंडिया की कप्तानी करेंगे. इससे पहले भी वह कई मौकों पर टीम का नेतृत्व कर चुके हैं. उनकी लीडरशिप में भारत ने श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज को वनडे सीरीज हराई है. अब उन्होंने अपनी कप्तानी के बारे में कुछ खास बातें कही हैं.
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि समय के साथ उनकी निर्णय लेने की क्षमता में सुधार हुआ है और अब वह ऐसे निर्णय करने में बिल्कुल नहीं हिचकिचाते हैं जो किसी खिलाड़ी को भले ही अच्छा न लगे लेकिन उससे टीम को फायदा पहुंचता हो.
'किसी के बुरा मानने की परवाह नहीं करता'
धवन ने क्रिकइंफो से बातचीत में कहा है, 'आप जितना अधिक खेलते हैं, आप अपने फैसलों को लेकर उतने अधिक आश्वस्त रहते हैं. इससे पहले ऐसे भी मौके आते थे जबकि मैं किसी गेंदबाज के प्रति सम्मान दिखाते हुए उसे अतिरिक्त ओवर दे देता था लेकिन अब मैं परिपक्व हो गया हूं और अगर किसी को बुरा भी लगे तब भी मैं वह फैसला करूंगा जिससे टीम को फायदा पहुंचे.'
'संतुलन बनाना सबसे अहम है'
कप्तानी के अनुभव के बारे में बात करते हुए धवन ने कहा कि संतुलन बनाए रखना और खिलाड़ियों का भरोसा जीतना महत्वपूर्ण होता है. वह बमुश्किल ही दबाव महसूस करते हैं और अपने आसपास का माहौल खुशनुमा रखते हैं. धवन ने कहा, 'जब आप किसी तार वाले वाद्य यंत्र पर संगीत बजाते हैं तो यदि तार बहुत ढीला है तो उसका स्वर अच्छा नहीं आएगा या यदि तार बहुत कसा गया है तो वह टूट जाएगा. इसलिए यह संतुलन पैदा करने से जुड़ा हुआ है. कप्तान के रूप में संतुलन पैदा करना महत्वपूर्ण होता है.'
उन्होंने कहा, 'आपको यह पता होना चाहिए कि कब तार को कसना है और कब उसे थोड़ा ढीला छोड़ना है. यह समय पर निर्भर करता है. इस स्तर पर मैं यह भी समझ गया हूं कब खिलाड़ियों से कैसी बात करनी है और कितनी बात करनी है. अगर किसी गेंदबाज की गेंद पर शॉट लगता है तो यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि उससे कब बात करनी है. जब माहौल में गर्मी हो तो मैं तब उससे बात नहीं करूंगा. इसके बजाय मैं उससे बाद में सहजता से बात करूंगा.'
धवन ने कहा, 'यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस स्तर पर कप्तानी कर रहे हैं. यदि यह IPL है तो अधिकतर खिलाड़ी परिपक्व होते हैं, इसलिए आपको यह सोचना पड़ेगा तार कसना है या नहीं. रणजी ट्रॉफी में कुछ अवसरों पर आपको दृढ़ता दिखानी होती है क्योंकि उस स्तर पर कुछ खिलाड़ी कच्चे घड़े की तरह होते हैं और आपको उन्हें ढालने के लिए दृढ़ बनना पड़ता है. संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है.'
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