गॉल: शिखर धवन को जब भारतीय टेस्ट टीम से बाहर किया गया तो वह काफी आहत थे, लेकिन उन्होंने आज कहा कि उनको यकीन था कि वो जल्द ही इस फॉर्मेट में वापसी करेंगे.


बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के शुरूआती दिन 190 रन बनाए, जो उनके करियर का बेस्ट स्कोर है. इससे भारत ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक तीन विकेट पर 399 रन बना लिए हैं.


दिन का खेल समाप्त होने के बाद धवन ने उस समय को याद किया जब वह टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे.


उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं बुरे दौर से गुजर रहा था तो मुझे पता था कि अगर मैं रन नहीं बनाऊंगा तो मुझे टीम से बाहर किया जा सकता है. निश्चित तौर पर एक समय मैं यह दबाव महसूस कर रहा था और जब मुझे टेस्ट टीम से बाहर किया गया तो मैं काफी आहत था.’’


धवन ने कहा, ‘‘लेकिन मैं जल्दी उससे से उबर गया और मैंने दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट खेलनी शुरू कर दी. मैंने वहां खेलने का पूरा मजा लिया. मुझे हमेशा दुखी रहना पसंद नहीं है. मुझे खुश रहना पसंद है और इसलिए मैंने वहां खेल का पूरा लुत्फ उठाया और मैं जानता था कि वक्त जब करवट लेगा तो फिर वह मेरा होगा.’’


उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन चीजों के बारे में बहुत अधिक नहीं सोचना चाहता था. मैं अपने काम को पूरे दिल से कर रहा था. मुझे फिटनेस की अपनी ड्रिल करना और अपने कौशल के स्तर को बढ़ाना पसंद है. मैं जानता था कि मेरा वक्त फिर से जरूर आएगा.’’ धवन श्रीलंका दौरे की मूल टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन चोटिल मुरली विजय के बाहर होने के कारण उन्हें आखिरी क्षणों में टीम में लिया गया.


उन्होंने कहा, ‘‘मेरी योजना मेलबर्न जाकर अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताने और अभ्यास करके खुद को वनडे सीरीज के लिए फिट रखने की थी. मैं असल में हांगकांग में छुट्टियां मना रहा था और वहां से मैं वापस भारत आया और टीम से जुड़ा.’’