On This Day in Cricket: ठीक 25 साल पहले आज ही के दिन क्रिकेट इतिहास का सबसे छोटा टेस्ट मैच खेला गया था. यह मुकाबला इंग्लैंड और वेस्टइंडीज (ENG vs WI) के बीच खेला गया था. यह मुकाबला महज 56 मिनट तक चल पाया था. खतरनाक नजर आ रही पिच के कारण बार-बार चोटिल हो रहे खिलाड़ियों के चलते इस मैच को ड्रॉ करा दिया गया था.


यह मुकाबला जमैका में किंग्स्टन के सबिना पार्क में खेला गया था. 29 जनवरी 1998 को शुरू हुए इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान माइक एथर्टन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी. तब वेस्टइंडीज के पास कॉर्टनी वॉल्स और कर्टली एंब्रुस जैसे खतरनाक तेज गेंदबाज हुआ करते थे. कप्तान ब्रायन लारा ने इन्हीं दोनों को शुरुआत में गेंदबाजी की कमान सौंपी.


पिच में दरारें और विंडीज बॉलर्स की आग उगलती हुई गेंदें
यहां वॉल्स और एंब्रुस ने अपनी तेज गेंदबाजी से इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को परेशान कर दिया. पिच से इन गेंदबाजों को बहुत मदद मिल रही थी. पिच में दरारें थीं, जिस पर गेंद गिरकर इंग्लैंड के बल्लेबाजों के पूरी बॉडी को टारगेट कर रही थी. नतीजा यह हुआ था कि बार-बार फिजियो को मैदान में बुलाना पड़ रहा था. शुरुआती 56 मिनट के खेल में 6 बार इंग्लैंड के फिजियो को अपने खिलाड़ियों की चोट को ठीक करने के लिए मैदान पर आना पड़ा था.


61 गेंद बाद ड्रॉ घोषित कर दिया गया मैच
इस मुकाबले में शुरुआती 44 गेंदों में इंग्लैंड के बल्लेबाज केवल 9 रन बना पाए थे और उनके तीन विकेट गिर चुके थे. जैसे-तैसे अगली 17 गेंदें और फेंकी गई और फिर अंपायर को यह मैच ड्रॉ करने का फैसला लेना पड़ा. दरअसल मैच के 11वें ओवर की पहली गेंद के बाद इंग्लैंड के कप्तान माइक एथर्टन अंपायरों के पास गए और पिच की शिकायत की. इसके बाद अंपायरों ने मैच को ड्रॉ करने का फैसला दिया. मैच ड्रॉ होने तक इंग्लैंड की टीम 10.1 ओवर में 17 रन बनाकर 3 विकेट गंवा चुकी थी.


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