इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स की जीत के बाद सबसे ज्यादा किसी ने सुर्खियों बटोरी तो वो थी दिल्ली डेयरडेविल्स. सीजन के बीच गौतम गंभीर ने कप्तानी छोड़ दी और छह मैच के बाद फिर पूरे सीजन बाहर ही बैठे रहे. टूर्नामेंट खत्म होने के बाद गंभीर के बाहर बैठने का मुद्दा गर्माया जिसमें टीम के कोच रिकी पोंटिंग और खुद गौतम गंभीर ने अलग अलग बयान देकर मामले को रहस्यमयी बना दिया.


सबसे पहले कोच पोंटिंग सामने आए थे और कहा था कि टीम को लगातार मिल रही हार की जिम्मेदारी लेते हुए गौतम गंभीर ने पहले कप्तानी छोड़ी और फिर बाद में टीम से बाहर बैठने का फैसला किया. पोंटिग ने अपने बयान में कहा था, "गौतम के कप्तानी छोड़ने से मुझे नहीं लगता कि टीम के प्रदर्शन पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ा. मैं यह कह सकता हूं कि मेरे साथ-साथ कई खिलाड़ियों को हैरानी हुई. कप्तानी छोड़ना एक हिम्मत वाला फैसला था क्योंकि उन्हें लग रहा था कि उन्होंने जो किया है वह टीम की भलाई सोच कर किया. यह एक इंसान के रूप में उनके व्यक्तित्व के बारे में कई चीजें दर्शाता है. उनके कप्तानी छोड़ने के साथ-साथ टीम के प्लेइंग इलेवन से हटने के फैसले से पृथ्वी शॉ को खेलने का मौका मिला."


पोंटिंग के इस बयान के बाद वाह क्रिकेट से बात करते हुए गौतम गंभीर ने कहा था कि उन्होंने भले ही कप्तानी छोड़ी थी लेकिन कभी खुद को चयन से बाहर नहीं रखा था. जिसका मतलब था कि गंभीर को टीम से ड्रॉप किया गया था. गंभीर ने वाह क्रिकेट शो में कहा था, 'मैंने कभी खुद को प्लेइंग इलेवन (शीर्ष एकादश) से बाहर नहीं किया था. अगर ऐसा होता तो मैं संन्यास का एलान भी कर देता. मेरे अंदर अभी काफी क्रिकेट बाकी है.'


गंभीर के इस बयान के बाद सनसनी मचनी ही थी क्योंकि टीम के सबसे बड़े खिलाड़ी ने टीम के मैनेजमेंट पर ही निशाना साधा था. लेकिन अब टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर ने ताजा बयान देकर एक बार फिर मामला गर्मा दिया है. डीएनए को दिए इंटरव्यू में अय्यर ने कहा, हमने उन्हें ड्रॉप नहीं किया था. उन्होंने(गंभीर) खुद बाहर रहने का फैसला किया था. अय्यर ने कहा, हम सभी जानते हैं कि गंभीर ने कप्तानी बीच सीजन में छोड़ी थी और वो चाहते थे कि युवा खिलाड़ियों को मौका मिले और इसलिए पृथ्वी शॉ को सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतारा गया.


हालाकि गंभीर की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा. गंभीर दो आईपीएल खिताब जीतने वाले कप्तान हैं. उनके पास अनुभव का भंडार है और हमने हर बार इसका इस्तेमाल किया. फिर चाहे बात टॉस के बाद लेने वाले फैसले को लेकर हो या फिर प्लेइंग इलेवन को लेकर. अय्यर ने कहा कि गंभीर भले टीम से बाहर थे लेकिन उनके निर्णय टीम के साथ थे.