Shreyas Iyer: रणजी मुकाबले न खेलने के लिए श्रेयस अय्यर ने बनाया था कमर दर्द का बहाना? सामने आ गई हकीकत
Ranji Trophy: BCCI की ओर से श्रेयस अय्यर को रणजी मैच खेलने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद उन्होंने कमर दर्द होने के कारण ये मुकाबले न खेलने का फैसला किया था.
Shreyas Iyer: श्रेयस अय्यर की फिटनेस को लेकर नेशनल क्रिकेट अकेडमी की ओर से जो ताजा रिपोर्ट आई है, वह थोड़ी चौंकाने वाली है. बेंगलुरु स्थित एनसीए ने श्रेयस को पूरी तरह फिट बताया है. जबकि हाल ही में श्रेयस ने अपनी कमर दर्द का हवाला देकर रणजी मुकाबले न खेलने का फैसला किया था.
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका दौरे पर खेली गई दो मैचों की टेस्ट सीरीज में श्रेयस अय्यर पूरी तरह फ्लॉप रहे थे. इसके बाद टीम इंडिया प्रबंधन ने उन्हें रणजी मुकाबले खेलकर अपनी लय खोजने की सलाह दी थी. यहां श्रेयस ने एक रणजी मुकाबला खेला और फिर इंग्लैंड के खिलाफ शुरुआती दो टेस्ट मैच भी खेले लेकिन वह अपनी पूरी लय में नजर नहीं आए. इसके बाद भारतीय चयनकर्ताओं ने उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी तीन मैचों के लिए स्क्वाड से बाहर कर दिया. उन्हें एक बार फिर रणजी मुकाबलों में हिस्सा लेने का निर्देश दिया गया लेकिन इस बार श्रेयस ने कमर दर्द की बात कहकर रणजी मैचों से किनारा कर लिया.
श्रेयस को मुंबई की ओर से बड़ौदा के खिलाफ होने वाले रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेलने के लिए कहा गया था. यह मुकाबला 23 फरवरी से शुरू होगा. लेकिन इस मुकाबले में खेलने के निर्देश के ठीक बाद श्रेयस ने कमर दर्द की शिकायत की. मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के सूत्रों के अनुसार, श्रेयस अय्यर पीठ दर्द के कारण बड़ौदा के खिलाफ रणजी ट्राफी क्वार्टर फाइनल मैच से दूरी बना ली थी. इसके बाद BCCI के निर्देश पर NCA में उनका फिटनेस टेस्ट हुआ. यहां उनका बहाना पकड़ा गया और वह एकदम फिट नजर आए. अब उन्हें एक बार फिर बड़ौदा के खिलाफ मुकाबले में उतरने को कहा गया है.
NCA ने श्रेयस की फिटनेस पर क्या दी रिपोर्ट?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीए ने बीसीसीआई को लिखी एक चिट्ठी में श्रेयस को फिट करार दिया है. एनसीए में खेल विज्ञान और मेडिसिन के प्रमुख नितिन पटेल ने पुष्टि की है कि श्रेयस को कोई ताजा चोट नहीं है और वह शुक्रवार से शुरू होने वाले मैच के लिए पूरी तरह फिट हैं. NCA की यह रिपोर्ट सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर श्रेयस टारगेट पर आ गए. फैंस उन पर घरेलू क्रिकेट की बजाय आईपीएल को प्राथमिकता देने के आरोप लगाने लगे.
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