भारत के सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल का परिवार किसानों के समर्थन में है. गिल के परिवार के कुछ सदस्य सिंघु बॉर्डर भी पहुंचे है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे मैच में गिल ने शिखर धवन के साथ पारी का आगाज किया. उन्होंने 33 रन बनाए. गिल के दादा दीदार सिंह गिल कल उनकी बैटिंग देखने के साथ ही किसान आंदोलन की खबरों पर नजर रखे हुए थे. बता दें कि जलालाबाद के निकट चक खेरे वाला गांव में रहने वाला शुभमन गिल का परिवार किसानी करता है.


शुभमन गिल के पिता लखविंदर सिंह गिल कहते हैं कि उनके पिता (दीदार सिंह) भी नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन में भाग लेना चाहते थे लेकिन हमने उन्हें जाने से रोका. लखविंदर सिंह ने कहा, शुभमन भी जानते हैं कि यह आंदोलन किसानों के लिए कितना महत्वपूर्ण है.


क्रिकेटर नहीं बनता तो किसान होता शुभमन


वह आगे कहते हैं, शुभमन ने काफी समय गांव में गुजारा है. उसने अपने पिता, दादा और चाचा को खेतों में काम करते हुए देखा है. उसे भी खेती किसानी का अनुभव है और वह जानता है कि यह आंदोलन किसानों के लिए क्यों जरूरी है.


मोहाली में शिफ्ट होने से पहले गिल 9 साल तक अपने गांव में रहे हैं. लखविंदर कहते हैं कि वह गांव से बहुत जुड़ा हुआ है और यहां के खेतों में क्रिकेट भी खेली है. उन्होंने कहा कि अगर शुभमन क्रिकेटर नहीं होता तो किसान बनता. उसे अभी भी खेती-किसानी में रूचि है. शुभमन ने कहा भी है कि क्रिकेट करियर के बाद वह खेती-किसानी करेगा.


किसानों का आंदोलन जारी


नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 8वें दिन भी जारी है.आंदोलनकारी किसानों ने केंद्र सरकार से पांच दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है. साथ ही तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का भी आग्रह किया है.


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