Soft Signal: जानिए क्या है 'सॉफ्ट सिगनल' और क्यों इसे लेकर हो रहा है विवाद
क्रिकेट जगत में सॉफ्ट सिगनल को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. आइये जानें कि क्या है सॉफ्ट सिगनल और क्यों इसे लेकर विवाद हो रहा है.
Soft Signal in Cricket: इंडिया ने गुरुवार को खेले गए चौथे टी20 में इंग्लैंड को आठ रनों से हराकर पांच मैचों की सीरीज 2-2 से बराबर कर ली. भले ही इस मैच में भारत ने शानदार जीत दर्ज की, लेकिन यह मैच अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया है. दरअसल, इस मैच में भारतीय बल्लेबाज़ सूर्यकुमार यादव को सॉफ्ट सिग्नल के तहत आउट दिया गया, जिसके बाद से इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है. आइये जानते हैं कि आखिर क्या होता है सॉफ्ट सिगनल.
क्यों शुरू हुआ विवाद
दरअसल, भारतीय पारी के दौरान जब सूर्यकुमार यादव 57 रनों पर बैटिंग कर रहे थे, तब उन्होंने तेज गेंदबाज सैम कर्रन की गेंद पर स्कूप शॉट खेला. गेंद डीप फाइन लेग पर खड़े डेविड मलान की तरफ गई और उन्होंने कैच लेने का दावा किया. हालांकि, कैच क्लीन नहीं था, इसलिए मैदानी अंपायर ने तीसरे अंपायर की मदद मांगी. लेकिन नियम के तहत मैदानी अंपायर को अपना फैसला भी बताना होता है और अंपायर ने अपने फैसले में सूर्यकुमार को आउट करार दिया. इसके बाद जब तीसरे अंपायर ने कई बार टीवी रिप्ले देखा, लेकिन उसे कैच पकड़े जाने का कोई साफ सबूत नहीं मिला. इसके बावजूद तीसरे अंपायर ने फैसला मैदानी अंपायर के हिसाब से दिया और सूर्यकुमार को पवेलियन लौटना पड़ा जबकि टीवी रिप्ले में साफ दिख रहा था कि गेंद जमीन को छू गई थी.
क्या होता है सॉफ्ट सिग्नल
जब भी किसी तरह के क्लोज़ कैच या पेचीदा विकेट को लेकर स्थिति साफ नहीं होती है, तो मैदानी अंपायर तीसरे अंपायर से उसे दोबारा चेक करने को कहता है. हालांकि, तीसरे अंपायर से पहले मैदानी अंपायर को अपने सहयोगी अंपायर से बातचीत करके अपना फैसला देना होता है. इसे ही सॉफ्ट सिगनल कहते हैं. इसके बाद टीवी अंपायर (तीसरा अंपायर) कई एंगल से उसे देखता है और जब उसे ठोस सबूत मिल जाता है तो वो मैदानी अंपायर के फैसले को पलट देता है. लेकिन कभी कभी टीवी अंपायर को पर्याप्त सबूत नहीं मिलते हैं, ऐसे स्थिति में टीवी अंपायर मैदानी अंपायर के फैसले को ही मान लेता है.
सूर्यकुमार यादव के मामले में यही हुआ. डेविड मलान ने उनका कैच पकड़ा था, लेकिन स्थिति साफ नहीं थी. ऐसे में मैदानी अंपायर ने तीसरे अंपायर की मदद मांगी, लेकिन नियम के तहत मैदानी अंपायर को अपना फैसला भी बताना होता है, जिसे सॉफ्ट सिग्नल कहा जाता है. मैदानी अंपायर ने सूर्यकुमार को सॉफ्ट सिग्नल के तहत आउट करार दिया.
इसके बाद जब तीसरे अंपायर ने कई बार टीवी रिप्ले देखा, लेकिन उसे कैच पकड़े जाने का कोई सबूत नहीं मिला. इसके बाद तीसरे अंपायर ने फैसला अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल के हिसाब से दिया और सूर्यकुमार को पवेलियन लौटना पड़ा जबकि टीवी रिप्ले में साफ दिख रहा था कि गेंद जमीन को छू गई थी.
यहां पर यह बताना जरूरी है कि अगर मैदानी अंपायर सूर्यकुमार को सॉफ्ट सिग्नल में नॉट आउट देता, तो तीसरा अंपायर भी अपना फैसला नॉट आउट ही देता. इसी कारण क्रिकेट जगत में सॉफ्ट सिग्नल को लेकर बवाल मच गया है.
विराट कोहली का रिएक्शन
भारतीय कप्तान विराट कोहली भी इस घटना से काफी नाराज हुए थे. मैच के बाद उन्होंने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "टेस्ट सीरीज में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. जब मैं अजिंक्य रहाणे के बगल में खड़ा था, उसने कैच पकड़ा था, लेकिन इसको लेकर वह आश्वस्त नहीं था. फैसला तीसरे अंपायर के पास गया. अगर फील्डर को इसमें शक होता है तो स्क्वायर लेग पर खड़ा अंपायर कैसे इसे साफ तरीके से देख सकता है? सॉफ्ट सिग्नल काफी अहम हो गया है और यह काफी ट्रिकी भी है. मुझे समझ नहीं आता कि अंपायर के पास मुझे नहीं पता का ऑप्शन क्यों नहीं हो सकता है. इस तरह का फैसला मैच का नतीजा पलट सकता है. कल को यह कोई और टीम भी हो सकती है."
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