सौरभ गांगुली का भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष बनना तय है. उनके आने के बाद बोर्ड के डे-नाइट टेस्ट मैच को लेकर रुख में भी बदलाव आ सकता है. गांगुली 23 अक्टूबर को आधिकारिक रूप से अध्यक्ष पद संभालेंगे.

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान ने साफ कर दिया है कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में दिन रात टेस्ट मैच आयोजित कराने का विकल्प है तो भारत को भी इसमें पीछे रहने के बजाए आगे बढ़ना चाहिए.

गांगुली ने कहा कि उनकी कार्यसूची में भारतीय टीम द्वारा डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने का मुद्दा रहेगा.

गांगुली ने कहा, "हम इस पर काम करेंगे. इस पर हम किस तरह काम करेंगे, इस पर अभी कुछ भी कहना मेरे लिए काफी जल्दी होगा, लेकिन एक बार मुझे कार्यभार संभालने दीजिए. उसके बाद हम हर सदस्य से इस पर बात करेंगे."

भारतीय टीम के मुख्य कोच पिछले साल वेस्टइंडीज के साथ डे-नाइट का टेस्ट मैच खेलने के लिए राजी हो गए थे लेकिन बाद में उन्होंने प्रशासकों की समिति (सीओए) को पत्र लिखकर कहा था कि टीम इसके लिए तैयार नहीं है और उसे 12 से 18 महीने रात में गुलाबी गेंद से खेलने में लगेंगे.

एक आम राय यह थी कि टेस्ट चैम्पियनशिप में डे-नाइट का टेस्ट मैच खेलने का प्रावधान नहीं है और इसलिए शास्त्री तथा कोहली भी इसके पक्ष में नहीं हैं, लेकिन गांगुली ने कहा कि टेस्ट चैम्पियनशिप में मैच डे-नाइट में नहीं होंगे, यह मानना गलत होगा.

उन्होंने कहा, "विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में डे-नाइट के टेस्ट मैच हैं क्योंकि एडिलेड गुलाबी गेंद से होने वाले टेस्ट मैच की मेजबानी करेगा. मुझे नहीं लगता कि यह कहना सही होगा कि विश्व चैम्पियनशिप में डे-नाइट के टेस्ट मैच नहीं होंगे."

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के एक सीनियर अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए बताया है कि अगर दोनों टीमें राजी हो जाती हैं तो टेस्ट चैम्पियनशिप में डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने का प्रावधान है.

अधिकारी ने कहा, "दोनों सदस्यों की रजामंदी से विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में भी डे-नाइट के टेस्ट मैच खेले जा सकते हैं."