नई दिल्ली: बीसीसीआई के वरिष्ठ पदाधिकारी राजीव शुक्ला और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को बोर्ड की सात सदस्यीय समिति में शामिल किया गया है. ये दोनों सदस्य लोढ़ा समिति के कुछ विवादास्पद सुधारवादी कदमों का आकलन करेगी जिनका राज्य इकाइयों ने विरोध किया है.


पैनल के अन्य सदस्य टीसी मैथ्यू (केरल क्रिकेट), ए भट्टाचार्य (पूर्वोतर के प्रतिनिधि), जय शाह (गुजरात क्रिकेट संघ), बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरद्ध चौधरी और बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी होंगे.


समिति को अधिकार दिया गया है कि वह बीसीसीआई की आम सभा के विचार के लिए उपरोक्त आदेश के सदंर्भ में कुछ गंभीर मुद्दों की पहचान करे जिसे माननीय सुप्रीम कोर्ट को भी सौंपा जा सके. कल मुंबई में बीसीसीआई की आम सभा की विशेष बैठक में समिति के गठन का फैसला किया गया था.


बीसीसीआई ने बयान में कहा, ''इस मामले में सुनवाई (सुप्रीम कोर्ट में) की अगली तारीख 14 जुलाई 2017 तय की गई है, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए समिति से आग्रह किया जाता है कि अपनी बैठक के लिए जल्द कोई तारीख तय करें जिससे कि उपरोक्त कार्य का अत्यंत आवश्यकता के तहत किया जाना सुनिश्चित हो और इसकी लिखित रिपोर्ट 10 जुलाई 2017 से पहले बांटी जा सके जिससे कि आम सभा इस पर विचार कर सके और उपरोक्त सुनवाई से पहले इसे अंतिम रूप दे सके.''


बोर्ड ने कहा, ''बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना को समिति की बैठक के बीच होने वाली चर्चा से नियमित तौर पर अवगत कराया जाएगा और अंत में इस रिपोर्ट को उन्हें सौंपा जाएगा जिससे कि वह इसे आम सभा के समक्ष रख सकें.''


बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना निजी कारणों से एसजीएम में भी हिस्सा नहीं ले पाए थे. लोढ़ा समिति के सुधारवादी कदमों को लागू करने में जिन चार विवादास्पद सिफारिशों के कारण विलंब हो रहा है उनमें एक राज्य एक वोट, पदाधिकारियों की उम्र 70 साल तक सीमित करना, पदाधिकारियों का कार्यकाल के बाद ब्रेक में जाना और राष्ट्रीय चयन पैनल में सदस्यों की संख्या शामिल है.


इस विशेष समिति में शामिल कुछ सदस्य क्रिकेट प्रशासन में कई भूमिकाएं निभा रहे हैं. गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के भी अध्यक्ष हैं. इसके अलावा वह क्रिकेट सलाहकार समिति के भी सदस्य हैं जिसे अनिल कुंबले के हट जाने के बाद अब भारतीय टीम का मुख्य कोच चुनना है.


बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी शुक्ला आईपीएल के चेयरमैन भी हैं.