Sourav Ganguly In Tauntan: 21 मई 1999... टॉन्टन का मैदान और भारत-श्रीलंका का मुकाबला. वर्ल्ड कप 1999 (World Cup 1999) का यह बेहद अहम मुकाबला था. अहम इसलिए क्योंकि भारतीय टीम (Team India) ग्रुप-ए में अपने शुरुआती तीन में से दो मुकाबले गंवा चुकी थी और सुपर सिक्स की दौड़ से बाहर होने की कगार पर खड़ी थी. श्रीलंका के खिलाफ मैच उसके लिए 'करो या मरो' का मुकाबला था. फिर श्रीलंका डिफेंडिंग चैंपियन भी थी. ऐसे में मुकाबला आसान नहीं होने वाला था.


टॉन्टन (Taunton) के काउंटी ग्राउंड में टॉस हुआ और श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित कर दिया. भारत की शुरुआत खराब रही और सदगोपन रमेश (5) पहले ओवर में ही चामिंडा वास का शिकार बन गए. यहां से सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने क्रीज संभाली. राहुल द्रविड़ ने आते ही तेजी से रन बनाने शुरू कर दिए. उन्होंने महज 43 गेंद पर ही 50 रन जड़ डाले. दूसरे छोर पर सौरव गांगुली ने बेहद आराम से खेलते हुए 68 गेंद पर अपनी फिफ्टी पूरी की. अब यह दोनों खिलाड़ी क्रीज पर बहुत अच्छे से जम चुके थे.


गांगुली और द्रविड़ ने यह साझेदारी आगे बढ़ाई और दोनों ने एक के बाद एक शतक जड़ दिए. द्रविड़ ने 102 गेंद पर शतक पूरा किया, वहीं गांगुली ने 119 गेंद पर शतक जड़ा. दोनों ने जैसे ही अपने-अपने शतक पूरे किए, इसके बाद बाउंड्रीज की झड़ी सी लग गई. द्रविड़ और गांगुली दोनों ही लंकाई गेंदबाजों पर टूट पड़े. द्रविड़ ने अगले 45 रन महज 27 गेंद पर जड़ डाले. वह खतरनाक दिखाई दे रहे थे तभी मुरलीधरन ने उन्हें रन आउट कर दिया. द्रविड़ ने 129 गेंद पर 145 रन की पारी खेली. यहां द्रविड़ और गांगुली के बीच 269 गेंद पर 318 रन की साझेदारी हो चुकी थी. यह वनडे क्रिकेट की पहली 300+ रन की साझेदारी थी.


द्रविड़ के आउट होने के बाद गांगुली ने मोर्चा संभाला और बाउंड्रीज की बरसात करते गए. एक छोर से विकेट गिरते रहे और दूसरे छोर से गांगुली आगे बढ़-बढ़कर छक्के जड़ते रहे. हालत यह थी कि गांगुली ने अपने आखिरी 83 रन महज 39 गेंदों पर बना डाले थे. गांगुली जब आखिरी ओवर में कैच आउट हुए, तब तक वह 158 गेंदों में 183 रन की पारी खेल चुके थे. यह उस समय तक किसी भारतीय खिलाड़ी द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर था. गांगुली ने अपनी पारी में 17 चौके और 7 छक्के जड़े थे.


गांगुली और द्रविड़ की दमदार पारियों के चलते भारतीय टीम ने 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 373 रन बनाए थे. यह उस समय तक भारतीय टीम का सर्वश्रेष्ठ स्कोर था. बाद में भारतीय गेंदबाजों ने श्रीलंका को महज 216 रन पर समेटकर 157 रन की विशाल जीत दर्ज की थी. इस जीत के बाद भारतीय टीम ने अगला मैच भी जीतकर सुपर सिक्स में अपनी जगह बनाई थी.


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