पिछले साल हुए टी20 वर्ल्ड कप के बाद से ही टीम इंडिया में कप्तान बदलने का दौर जारी है. वैसे तो विराट कोहली (Virat Kohli) के बाद रोहित शर्मा को टीम का कप्तान बनाया गया है. लेकिन एक साल के अंदर तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया 8 अलग अलग कप्तानों की अगुवाई में खेल चुकी है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने पहली बार इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है. 


सौरव गांगुली का कहना है कि खिलाड़ी के चोटिल होने पर किसी का जोर नहीं चलता है. उन्होंने कहा, ''रोहित शर्मा तीनों ही फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान हैं. अगर आप ज्यादा खेलते हैं तो चोटिल होने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में आपको खिलाड़ियों के लिए इंजरी ब्रेक भी रखना पड़ता है.''


सौरव गांगुली हालांकि इसे युवा खिलाड़ियों के लिए मौके के रूप में भी देखते हैं. पूर्व कप्तान ने कहा, ''यह युवा खिलाड़ियों के लिए आगे आने का मौका होता है. हमने नए खिलाड़ियों के साथ वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में सीरीज जीत ली है. इंडिया के पास ऐसे 30 खिलाड़ी हैं जो कि नेशनल टीम के लिए खेल सकते हैं.''


इस फैसले पर उठे हैं सवाल


बता दें कि इस साल जनवरी में रोहित शर्मा को तीनों ही फॉर्मेट में टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था. इसके साथ ही बीसीसीआई ने साफ कर दिया था कि ऋषभ पंत, केएल राहुल और जसप्रीत बुमराह को लीडरशिप ग्रुप में जगह दी जाएगी. इस साल इन तीनों ही खिलाड़ियों की टीम इंडिया की अगुवाई करने का मौका मिल चुका है.


हालांकि इतने ज्यादा कप्तान बदले जाने के फैसले पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा और पूर्व सिलेक्टर सबा करीम सवाल उठा चुके हैं. सबा करीम ने कहा, ''इस तरह से कप्तान बदले जाने के फैसले पर सवाल खड़े होते हैं. आपको टीम में ऐसा माहौल बनाने की जरूरत नहीं है. एक कप्तान आगे के मैचों के लिए प्लान बनाता है. लेकिन आप हर सीरीज में कप्तान बदल रहे हैं.''


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