नई दिल्ली: 3 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 2-0 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम के लिए हालात अंतिम और तीसरे टेस्ट में भी बदले हुए नज़र नहीं आ रहे हैं. जोहानिसबर्ग में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी चुनी और महज़ 187 रनों पर पूरी टीम सिमट गई. इसके जवाब में दिन का खेल खत्म होने तक मेज़बान टीम 1 विकेट के नुकसान पर 6 रन बनाकर खेल रही है.
लेकिन बल्लेबाज़ों के लिए कब्रगाह बनी इस पिच को लेकर भी अब विवाद शुरू होता दिख रहा है. भारतीय टीम के सफलतक कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने इसे बल्लेबाज़ों के साथ नाइंसाफी करार दिया.
दादा ने पिच को बल्लेबाजों के लिये अन्यायपूर्ण करार देते हुए आईसीसी से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिये कहा।
गांगुली ने ट्वीट किया, ‘‘इस तरह की पिच पर टेस्ट क्रिकेट खेलना अन्यायपूर्ण है। मैंने 2003 में न्यूजीलैंड में ऐसी पिचें देखी थी। बल्लेबाजों के पास बहुत कम मौका होता है। आईसीसी को इस पर गौर करना चाहिए।’’
बीते दिन इस पिच पर बल्लेबाज़ों के लिए खेल पाना बेहद मुश्किल था. असमान उछाल और स्विंग होती गेंदों पर बल्लेबाज़ों को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा. भारतीय बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा ने अपनी पारी की 54वीं गेंद पर अपना खाता खोला.
वहीं भारत के लिए सिर्फ कप्तान विराट और पुजारा ही अर्धशतक जमा सके. इनके अलावा भुवनेश्वर इकलौते ऐसे बल्लेबाज़ रहे जो दोहरे अंक में पहुंचे. पिच की हालत बल्लेबाज़ों के लिहाज़ से इतनी खराब थी कि टीम का बाकी कोई भी बल्लेबाज़ दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच सका.