केपटाउन टेस्ट के पहले दिन का हाल- भुवनेश्वर कुमार की घातक गेंदबाजी से जहां साउथ अफ्रीका की पूरी टीम 286 पर पवेलियन लौट गई वहीं दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम को भी तीन बड़े झटके लग गए. पहले दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया बैकफुट पर आ गई है.
भुवनेश्वर (19 ओवर में 87 रन देकर चार विकेट) ने पहले बल्लेबाजी का फैसला करने वाले साउथ अफ्रीका के टॉप ऑर्डर को झकझोर कर पांचवें ओवर तक उसका स्कोर तीन विकेट पर 12 रन कर दिया. एबी डिविलियर्स (65) और कप्तान फाफ डुप्लेसिस (62) ने चौथे विकेट के लिए 114 रन जोड़कर बीच में विकेट गिरने का क्रम रोका लेकिन यह साझेदारी टूटते ही भारतीय गेंदबाज हावी हो गए और दक्षिण अफ्रीकी टीम 286 रन पर आउट हो गई.
इसके बाद भारत का टॉप ऑर्डर भी चरमरा गया और पहले दिन का खेल समाप्त होने तक वह तीन विकेट पर 28 रन बनाकर संघर्ष कर रहा है. भारत अब भी साउथ अफ्रीका से 258 रन पीछे है. उसका दारोमदार भरोसेमंद चेतेश्वर पुजारा (नाबाद पांच) पर टिका है. उनके साथ दूसरे छोर पर खड़े रोहित शर्मा ने अभी खाता नहीं खोला है जिन्हें अच्छी फॉर्म को देखते हुए अंजिक्य रहाणे की जगह टीम में रखा गया है. चार विशेषज्ञ गेंदबाजों और एक ऑलराउंडर के साथ उतरी भारतीय टीम ने दोनों सलामी बल्लेबाजों मुरली विजय (1) और शिखर धवन (16) के अलावा कप्तान विराट कोहली (पांच) के कीमती विकेट गंवाए हैं. इन तीनों ने खराब शॉट खेलकर अपने विकेट इनाम में दिए.
विजय के खिलाफ वर्नोन फिलैंडर (13 रन देकर एक विकेट) ने पगबाधा के लिए रैफरल लिया लेकिन इसका उन्हें फायदा नहीं मिला. इस तेज गेंदबाज के अगले ओवर में हालांकि विजय ने खराब शॉट खेलकर विकेट गंवाया. उन्होंने ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर कवर ड्राइव करने के प्रयास में गली में कैच दिया.
एक साल बाद वापसी कर रहे डेल स्टेन (13 रन देकर एक विकेट) के अगले ओवर में धवन ने इससे भी ज्यादा गैरजिम्मेदाराना शॉट खेला. टीम ने अभी विकेट गंवाया था और ऐसे में उन्होंने बिना लाइन में आए आधे मन से पुल करने की कोशिश की. गेंद हवा में लहरा गयी और स्टेन ने उसे आसानी से कैच में में बदल दिया. इस तरह से धवन का साउथ अफ्रीका में खराब प्रदर्शन बरकरार रहा. इस देश में उन्होंने अब तक पांच पारियों में केवल 92 रन बनाए हैं.
हाल में शादी के बंधन में बंधने वाले कप्तान कोहली ने भी अपना विकेट इनाम में दिया. उन्होंने पहले बदलाव के रूप में आए मोर्ने मोर्कल (कोई रन दिये बिना एक विकेट) की उठती गेंद को छेड़ने की गलती की और विकेट के पीछे कैच दे बैठे. विकेटकीपर क्विंटन डिकॉक का यह टेस्ट मैचों में 100वां कैच था.
इससे पहले साउथ अफ्रीका ने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की. एक समय लग रहा था कि वह शुरूआती झटकों से उबरने में सफल रहेगा लेकिन भारत ने दूसरे सेशन में 123 रन के एवज में चार विकेट निकाल दिए जिनमें डिविलियर्स और डुप्लेसिस के अलावा खतरनाक अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे डिकॉक (43) का विकेट भी शामिल था. साउथ अफ्रीका के पुछल्ले बल्लेबाजों ने हालांकि आसानी से घुटने नहीं टेके. आठवें नंबर के बल्लेबाज केशव महाराज ने अपनी गलती से रन आउट होने से पहले 35 रन बनाए जबकि नौवें नंबर के बल्लेबाज कैगिसो रबादा ने 26 रन का योगदान दिया. भारत ने उसके आखिरी तीन विकेट निकालने के लिये 59 रन दिए. विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने पांच कैच लिये लेकिन ‘स्लिप कार्डन’ भारत के लिये अब भी कुछ चिंता बना हुआ है जिसमें उसने कुछ मौके गंवाए.
दिन का पहला सेशन भुवनेश्वर तथा डिविलियर्स और डुप्लेसिस के नाम रहा. भुवनेश्वर ने अपने पहले तीन ओवरों में ही तीन विकेट निकालकर भारत को बेहतरीन शुरूआत दिलायी. उन्होंने मैच की तीसरी गेंद पर ही डीन एल्गर (शून्य) को विकेट के पीछे कैच कराया और अगले ओवर में एडेन मार्कराम (पांच) को अपनी तीखी इनस्विंगर पर पगबाधा आउट किया. भरोसेमंद हाशिम अमला (तीन) के पास भी भुवनेश्वर की गेंदों का कोई जवाब नहीं था. उन्होंने विकेट के पीछे कैच दिया. भुवनेश्वर का गेंदबाजी विश्लेषण तब तीन ओवर पांच रन तीन विकेट था.
डिविलियर्स ने इसके बाद अपने कप्तान के साथ मिलकर साउथ अफ्रीका को वापसी दिलाने का बीड़ा उठाया. डिविलियर्स ने जवाबी हमले की रणनीति अपनायी और भुवनेश्वर के एक ओवर में चार चौकों की मदद से 17 रन बटोरे. इन दोनों ने पहले सेशन में अपनी टीम को चौथा झटका नहीं लगने दिया.
अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे जसप्रीत बुमराह (73 रन देकर एक विकेट) और युवा ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या (53 रन देकर एक विकेट) ने डिविलियर्स और डुप्लेसिस की खतरनाक जोड़ी को पवेलियन भेजकर भारत को बड़ी राहत दिलायी.
बुमराह ने डिविलियर्स को आउट करके अपना पहला टेस्ट विकेट लिया. उनकी कोण लेती गेंद इस पूर्व कप्तान के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर ऑफ स्टंप हिला गयी. इसके तीन ओवर बाद पंड्या ने डुप्लेसिस को विकेट के पीछे कैच कराया. इससे पहली वाली गेंद पर पंड्या ने साउथ अफ्रीकी कप्तान को पगबाधा कर दिया था लेकिन डीआरएस में फैसला बदल दिया गया. इस बीच डुप्लेसिस ने अपना 16वां टेस्ट अर्द्धशतक पूरा किया. आउट होने से पहले डिविलियर्स ने प्रवाहमय बल्लेबाजी की और अपनी 84 गेंद की पारी में 11 चौके जमाये जबकि डुप्लेसिस ने सकारात्मक अंदाज में बल्लेबाजी की. उन्होंने 104 गेंदें खेली तथा 12 चौके लगाए.
डिकॉक और फिलैंडर (23) ने आक्रामक अंदाज बनाये रखा और छठे विकेट के लिये 54 गेंदों पर 60 रन जोड़े. इससे साउथ अफ्रीका 45वें ओवर में 200 रन के पार पहुंचा. भुवनेश्वर अपने तीसरे स्पैल के लिए आए और उन्होंने तुरंत ही खतरनाक दिख रहे डिकॉक को विकेट के पीछे कैच करा दिया जबकि मोहम्मद शमी (47 रन देकर एक विकेट) ने रिवर्स स्विंग पर फिलैंडर की दोनों गिल्लयां उड़ायी.
भारत को जल्द ही एक और विकेट मिल जाता लेकिन धवन ने तीसरी स्लिप में केशव महाराज का कैच छोड़ दिया. यह भुवनेश्वर का पांचवां विकेट होता. महाराज आखिर में अपनी ढिलायी के कारण रविचंद्रन अश्विन के सटीक थ्रो पर रन आउट हुए. अश्विन (21 रन देकर दो विकेट) ने ही इसके बाद रबादा को विकेटकीपर के हाथों कैच कराया और फिर मोर्कल (दो) को पगबाधा आउट किया. स्टेन 16 रन बनाकर नाबाद रहे.