भारतीय क्रिकेट टीम साउथ अफ्रीका के दौरे पर है. साउथ अफ्रीका का एक खिलाड़ी दौरे के खास पिंक वनडे के लिए टिकट की व्यवस्था करने में लगा था. लेकिन वक्त ने इस तरह करवट बदली की वो खिलाड़ी रातों-रात स्टार बन गया. इस खिलाड़ी का नाम है हेनरिक क्लासेन.
क्विंटन डी कॉक के चोटिल होने के बाद टीम में जगह बनाने वाले क्लासेन इस वक्त साउथ अफ्रीका के सबसे बड़े खिलाड़ी बन गए हैं.
भारत के खिलाफ दूसरे टी-20 मैच में मेजबान टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले हेनरिक क्लासेन का कहना है कि इस मैच में उनका सपना पूरा हो गया और यह अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है. क्लासेन अपने घरेलू मैदान सेंचुरियन में अपनी टीम को मैच में जीत दिलाने के लिए मदद करना चाहते थे और बुधवार रात को सुपरस्पोर्ट पार्क स्टेडियम में खेले गए मैच में साउथ अफ्रीका को मिली जीत से उनका यह सपना पूरा हो गया. क्लासेन ने बुधवार रात को खेले गए मुकाबले में 30 गेंदों पर 69 रनों की धमाकेदार पारी खेल टीम को छह विकेट से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
इस मुकाबले में क्लासेन के निशाने पर रहे भारत के स्टार स्पिनर युजवेंद्र चहल. चहल की गेंद पर जमकर मनचाहा रन बनाने वाले क्लासेन ने मैच के बाद कहा कि भले ही उनके अन्य साथी इस लेग स्पिनर को पढ़ने में नाकाम रहे हों लेकिन उन्हें उनका सामना करना काफी पसंद है.
वांडरर्स की तरह क्लासेन ने चहल के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाए. पारी के 13वें ओवर में उन्होंने इस लेग स्पिनर पर 23 रन बटोरे. चहल और कुलदीप यादव की स्पिन जोड़ी साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों के खिलाफ काफी सफल रही लेकिन क्लासेन ने उन्हें आसानी से खेला.
चहल ने चार ओवर में 64 रन दिये और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला. छब्बीस वर्षीय क्लासेन ने कहा कि उन्हें लेग स्पिनर के खिलाफ खेलना पसंद है.
उन्होंने चहल के बारे में कहा, ‘‘मुझे उसका (चहल) सामना करना काफी पसंद है. विशेषकर जब मैं एमेच्योर क्रिकेट में था तब दो उपयोगी लेग स्पिनर हुआ करते थे. मैंने टाइटन्स (क्लासेन की घरेलू टीम) की तरफ से शॉन वान बर्ग का भी काफी सामना किया.’’
क्लासेन ने कहा, ‘‘हम हमेशा मजाक करते थे कि मुझे अन्य लेग स्पिनर का करियर बर्बाद करना चाहिए ताकि वह आगे बढ़ सके. कई बार ऐसा हो जाता था. आप जहां शॉट मारना चाहते हो वहां गेंद को हिट करके अच्छा लगता है. कल रात ऐसा हुआ.’’
क्लासेन ने कहा कि चहल पर आक्रमण करना रणनीति का हिस्सा नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘‘यह रणनीति का हिस्सा नहीं था. लेकिन जिस तरह से उनके तेज गेंदबाजों ने गेंदबाजी की तो मैंने लेग स्पिनर के खिलाफ अपने मौके बनाये क्योंकि उसके खिलाफ मेरे पास अधिक विकल्प थे.’’