क्रिकेट के मैदान पर की गई एक गलती टीम के साथ-साथ पूरे मैच पर असर डालती है. गलती किसी से भी हो सकती है लेकिन जो गलती हार्दिक पांड्या(15) ने सेंचुरियन टेस्ट के तीसरे दिन की उसे किसी तरह से माफ किया नहीं जा सकता. ये कहना था भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का.


साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन भारत की उम्मीद कप्तान विराट कोहली और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या पर थी. साउथ अफ्रीका के पहली पारी के आधार पर भारतीय टीम 152 रन पीछे थी और उसे मैच में बने रहने के लिए एक लंबी साझेदारी की जरूरत थी. लेकिन अपने कल के स्कोर में 4 रन जोड़ने के बाद पांड्या रन आउट हो गए.




पांड्या के रन आउट होने में सबसे बड़ी गलती खुद उनकी ही थी. कोहली के शॉट पर पंड्या ने एक रन लेने की कोशिश की, कप्तान ने उन्हें मना कर दिया. हार्दिक मुड़े और पॉपिंग क्रीज के नजदीक पहुंच गए, लेकिन यहां पहुंचते ही उनकी चाल बदल गई. उनका अंदाज ऐसा हो गया मानो वह पार्क में टहल रहे हों. फिलेंडर ने डायरेक्ट थ्रो कर पांड्या को गलती का एहसास करा दिया. यूं तो पांड्या क्रीज के अंदर थे, लेकिन उनका बल्ला और पांव दोनों ही हवा में था.


पांड्या के इस तरह आउट होने के बाद कॉमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने तुरंत ही कहा, 'यह पूरी तरह अक्षम्य है.'




वहीं दिग्गज खिलाड़ी रहे संजय मांजरेकर ने हार्दिक की आलोचना करते हुए कहा, 'आत्मविश्वास और अहंकार के बीच एक महीन रेखा होती है. आप सचिन तेंदुलकर को देखिए कि वह कितने अति प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे, लेकिन उनके भीतर कभी भी अहंकार नहीं था', मांजरेकर बोले, 'यह पंड्या का अहंकार हो सकता है, जिसने उन्हें वापस लौटने में योगदान दिया'




हार्दिक को यकनीन अपनी गलती का एहसास होगा और इससे सबक लेने की कोशिश करेंगे. भारत की पहली पारी 307 रनों पर खत्म हुई. कप्तान कोहली ने 153 रनों की शानदार पारी खेली.