वांडर्रस की पिच पर कई बल्लेबाज हुए चोटिल-साउथ अफ्रीका और भारत के बीच वांडरर्स पर खेला गया तीसरा टेस्ट पिच के कारण विवादों में रहा. अब आईसीसी ने इस पिच को लेकर अपना फैसला सुना दिया है. आईसीसी ने इस पिच को खराब करार दिया है साथ ही इसे तीन डिमेरिट प्वांइट भी दिए गए. भारत ने इस मैच में शानदार वापसी करते हुए मेजबान टीम को 63 रनों से हराया था. मैच में लगभग 296 ओवर किये गये जिनमें 805 रन बने और 40 विकेट गिरे. लेकिन विकेट सुर्खियों में तब आया जब दोनों टीमों के कई बल्लेबाजों को असमान उछाल के कारण चोट लगे.


मैच के तीसरे दिन जब जसप्रीत बुमराह का बाउंसर डीन एल्गर के हेलमेट पर लगा तो मैदानी अंपायरों ने खेल रोक दिया था क्योंकि उन्हें लगा कि खेल जारी रखना खतरनाक होगा.


आईसीसी ने अपने रिपोर्ट में कहा, ‘‘आईसीसी मैच रेफरियों के एलीट पैनल के सदस्य एंडी पायक्राफ्ट ने वांडरर्स स्टेडियम की पिच को खराब करार दिया है और इस तरह से आईसीसी पिच एवं आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रक्रिया के तहत इसे तीन डिमेरिट प्वाइंट देता है.’’


नियमों के अनुसार मैच रेफरी जिस मैच स्थल की पिच को औसत से कमतर करार देता है उसे एक डिमेरिट प्वाइंट दिया जाता है जबकि जिन पिचों को ‘खराब’ और ‘खेलन योग्य नहीं यानि अनफिट’ करार दिया जाता है उन्हें तीन और पांच डिमेरिट प्वाइंट मिलते हैं.


वांडरर्स में मैच पूरा हुआ था और इसलिए आईसीसी मैच रेफरी ने इसे अनफिट करार नहीं दिया जिससे उसे पांच डिमेरिट प्वाइंट मिलते.


आईसीसी के अनुसार ये डिमेरिट प्वाइंट्स अगले पांच साल तक एक्टिव रहेंगे और इस बीच अगर वांडरर्स स्टेडियम पांच डिमेरिट प्वाइंट्स तक पहुंच जाता है तो उसे एक साल के लिए बैन किया जा सकता है.


पायक्राफ्ट की रिपोर्ट क्रिकेट साउथ अफ्रीका को भी भेजी गई है. इसमें उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम टेस्ट मैच के लिये जो पिच तैयार की गयी वह खराब थी. इसमें अनिश्चित उछाल और बहुत अधिक सीम मूवमेंट था.’’


उन्होंने कहा, ‘‘मैच आगे बढ़ने के साथ यह और खराब होती गयी जिससे बल्लेबाजी करना बहुत मुश्किल हो गया जिसके कारण दोनों टीमों के डॉक्टरों को अपने बल्लेबाजों के इलाज के लिए कई बार मैदान पर जाना पड़ा. ’’


पायक्राफ्ट ने कहा, ‘‘मैदानी अंपायर भी खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं तथा उन्होंने तीसरे दिन के खेल के बाद पिच के व्यवहार पर चिंता जतायी थी और इस पर चर्चा की थी कि क्या मैच जारी रखना उचित होगा. ’’


उन्होंने कहा, ‘‘आखिर में अंपायरों ने मैच जारी रखने का फैसला किया और चौथे दिन इसका परिणाम निकल आया. लेकिन जब टेस्ट मैच समाप्त हुआ तब भी इसमें बहुत अधिक असमान उछाल और सीम मूवमेंट था. ’’