पांच साल में तीसरी बार विजय हजारे टूर्नामेंट जीतने के साथ कर्नाटक के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद ने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी.
 
33 साल के अरविंद भारत ने के लिए एक टी20 मुकाबला खेला. 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने अपना एकमात्र अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेला था. इस मैच में उन्होंने 44 रन देकर एक विकेट लिया था.



अरविंद ने कहा, ‘‘मैंने घरेलू क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का फैसला किया है. मैं जीत के साथ करियर को खत्म करना चाहता था और विजय हजारे के फाइनल में जीत से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता था.’’

मंगलवार को खेले गये फाइनल में कर्नाटक ने सौराष्ट्र को 41 रन से शिकस्त दी.

अपने दस साल के करियर में अरविंद ने 56 फर्स्ट क्लास मैच में 186 विकेट झटके जिसमें दो बार पारी में पांच विकेट भी शामिल हैं. धीमी पिचों पर वह अक्सर बायें हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी करते थे. उन्होंने 84 टी20 मैचों में 103 विकेट लिए. उन्होंने आईपीएल के कुछ सीजन में रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु के लिए भी खेला.

अरविंद ने कहा कि टीम में प्रसिद्ध कृष्णा और टी प्रदीप जैसे काबिल तेज गेंदबाजों के आने के बाद उन्होंने करियर के शीर्ष पर संन्यास लेने का फैसला किया.

अरविंद ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) का शुक्रिया अदा करते हुये कहा, ‘‘मैं किसी प्रतिभावान खिलाड़ी के रास्ते का रोड़ा नहीं बनना चाहता हूं. मुझे लगा यह सही समय है. मैंने इस फैसले के बारे में टीम के खिलाड़ियों को कल रात ही बता दिया था. राज्य का प्रतिनिधित्व का मौका देने के लिए मैं केएससीए का शुक्रगुजार हूं, मैं अपने अभिभावकों और भगवान का भी आभारी हूं.’’

अरविंद से जब पूछा गया कि क्या भारतीय टीम और आईपीएल में नजरअंदाज किये जाने से उन्होंने ऐसा फैसला लिया तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मैं ऐसा नहीं सोचता, यह बहुत निजी फैसला है.’’

अरविंद ने आर विनय कुमार और अभिमन्यु मिथुन के साथ मिलकर सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों की तिकड़ी बनायी. उनके टीम में रहते हुए कर्नाटक ने सभी राष्ट्रीय टूर्नामेंट अपने नाम किए जिसमें रणजी ट्राफी, ईरानी कप, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली टी20 चैम्पियनशिप शामिल है.