सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस. श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा दिया और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से उनकी सजा पर पुनर्विचार करने के लिए कहा.


श्रीसंत पर से प्रतिबंध हटने के बाद उनके परिवार वालों ने इस पर खुशी जाहिर की है. श्रीसंत पर फैसला आने से पहले उनकी पत्नी भुनवेश्वरी ने अपनी बेटियों के साथ कोच्चि के पास दो मंदिरों में पूजा अर्चना की.


भुवनेश्वरी ने मीडिया से कहा, "आखिरकार उन्हें न्याय मिल ही गया. हम यह भी चाहते हैं कि बीसीसीआई उन्हें खेलने की इजाजत दे. हम उन सब का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं जिन्होंने हमारी मदद की. उनकी अभी भी खेलने की इच्छा है और वह खुद को फिट रख रहे हैं."


श्रीसंत की मां सवित्री देवी ने कहा कि यह मामला शुरू होने के बाद से ही वह अपने बेटे को परेशान देखती रही हैं.


उन्होंने कहा, "हम भगवान के बहुत शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने उन्हें राहत दी है. मैंने पांच साल से अधिक समय तक उन्हें परेशान देखा है."


श्रीसंत को अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण के साथ 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.


सर्वोच्च अदालत ने तेज गेंदबाज को राहत देते हुए उन पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा दिया और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीसीसीआई से श्रीसंत को दी सजा पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है.


शीर्ष अदालत ने हालांकि कहा कि श्रीसंत मैच फिक्सिंग व सट्टे के दोषी हैं.