इंग्लैंड के पूर्व मिडफील्डर स्टीव हॉज ने कहा है कि अर्जेंटीना के स्वर्गीय महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना की 1986 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में पहनकर खेली गई जर्सी बिक्री के लिए नहीं है. बता दें कि माराडोना का हाल में निधन हो गया था और उनके निधन के बाद ऐसी अफवाहें थी कि हॉज उनकी जर्सी को बेचना चाहते हैं.


58 साल के हॉज ने मेक्सिको सिटी के एजटेका स्टेडियम में खेले गए 1986 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल के बाद माराडोना के साथ उस जर्सी की अदला बदली की थी, जिसे पहनकर माराडोना मैच में खेले थे. यह जर्सी अब मैनचेस्टर के नेशनल फुटबॉल म्यूजियम में है.


हॉज ने बीबीसी रेडियो नॉटिंघम से कहा, "मेरे पास यह 34 सालों से है और मैंने कभी इसे बेचने की कोशिश नहीं की. मुझे यह पसंद है. इसका अविश्वसनीय भावुक मूल्य है. मैंने अपने दरवाजे पर लोगों को नॉन-स्टॉप और हर टीवी और रेडियो स्टेशन और यहां तक कि विदेशी स्टेशनों पर लगातार इसके बारे में बात की है."


माराडोना की ताबूत को अर्जेंटीना के झंडे और फुटबॉल जर्सी में लपेटा गया था, जिसपर 10-नंबर लिखा था. माराडोना जब तक फुटबॉल खेले, उन्होंने 10 नंबर की जर्सी ही पहनी थी.


उन्होंने कहा, "यह असुविधाजनक और अच्छा नहीं है. मैंने इंटरनेट पर लेख देखे हैं, जिसमें यह कहा जा रहा है कि मैं इस जर्सी को एक या दो मिलियन में बेचना चाहता हूं और पैसे के लिए इधर-उधर चक्कर लगा रहा हूं. मुझे यह पूरी तरह से अपमानजनक और गलत लगता है. यह बिक्री के लिए नहीं है. मैं इसे बेचने की कोशिश नहीं कर रहा हूं."


1986 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में अर्जेंटीना के चिर प्रतिद्वंदी इंग्लैंड के खिलाफ माराडोना ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था, उसने उन्हें अपने देश में अमर बना दिया था और फुटबॉल के इतिहास में भी.


'हैंड्स ऑफ गॉड' गोल के चार मिनट बाद माराडोना ने मिडफील्ड से 60 यार्ड से भागते हुए इंग्लैंड के छह खिलाड़ियों को छकाया था और फिर गोलकीपर पीटर शिल्टन को मात देते हुए गोल किया था. इस गोल को बाद में 'गोल ऑफ द सेंचुरी' कहा गया था. उन्होंने 10 सेकेंड में यह गोल किया था. उनके इस गोल से सभी खिलाड़ी हैरान रह गए थे. अपनी कप्तानी में 1986 में अर्जेंटीना को विश्व कप जिताने वाले माराडोना ने उस टूर्नामेंट में पांच गोल किए थे.


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