एक साल पहले अगर हम स्टीव स्मिथ की किसी तस्वीर को याद करना चाहेंगे तो वो प्रेस कॉन्फ्रेंस की ही वो तस्वीर होगी जब स्मिथ रोते हुए सैंडपेपर विवाद में माफी मांग रहे थे. लेकिन अगर आज की तस्वीर को याद करें तो ये वही स्मिथ हैं जो आज गर्व से द ओवल मैदान से तालियों के गड़गड़ाहट के बीच फैंस के द्वारा विदा किए गए. कौन भूल सकता है स्मिथ के वो 7 इनिंग्स जिसमें उन्होंने 110.57 के एवरेज और 64.72 के एवरेज के साथ कुल 774 रन बनाकर इतिहास रच दिया. इस दौरान स्मिथ ने 3 अर्धशतक और 3 शतक जड़े.

आंकड़े कहते हैं सबकुछ

स्टीव स्मिथ ने इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बने. उनका सबसे बड़ा स्कोर 211 का रहा. इस ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने टेस्ट क्रिकेट में बैन के बाद पहली बार वापसी की. वापसी आसान नहीं थी क्योंकि एक तरफ एशेज इंग्लैंड में था, ऐसे क्राउड के सामने जो खिलाड़ियों को स्लेज करने में काफी माहिर है. पहले ही मैच में स्मिथ को ये बात समझ आ गई. लेकिन शायद वो किसी और भावना से ही आए थे. उन्होंने किसी भी फैन का मुड़कर जवाब नहीं दिया और अंत में जो उनके बल्ले ने जवाब दिया उसने फैंस को चुप ही नहीं करवाया बल्कि खड़े होकर ताली बजाने पर भी मजबूर कर दिया.






शतकों का शूरवीर

सीरीज में तीन अर्धशतक और तीन शतक जड़ने का नतीजा ये हुआ कि उन्होंने विराट कोहली को पीछे छोड़ आईसीसी टेस्ट बैटिंग रैंकिंग में भी पहले पायदान पर काबिज हो गए. फजीहत से झंडा बुलंद करने तक का सफर स्मिथ का लाजवाब था. स्मिथ 937 प्वाइंट्स के साथ टेस्ट मैचों की रैंकिंग में पहले पायदान पर हैं.



तालियों के बीच हुए विदा

एशेज सीरीज के फाइनल टेस्ट के चौथे दिन स्मिथ बेहतरीन फॉर्म में थे लेकिन बेन स्टोक्स की एक गेंद ने उन्हें स्टुअर्ट ब्रॉड के हाथों कैच पकड़वा दिया और वो सिर्फ 23 रन बनाकर आउट हो गए. स्मिथ की बल्लेबाजी देख कई क्रिकेटर्स यहां तक कह चुके थे कि ये खिलाड़ी अपनी जिंदगी के सबसे बेहतरीन फॉर्म में है और फिलहाल इंग्लैंड के पास इस खिलाड़ी का कोई तोड़ नहीं है. हालांकि इन सबका सबूत उस दौरान मिला जब फाइनल टेस्ट के चौथे दिन स्मिथ मात्र 23 रन बनाकर पवेलियन लौट रहे थे तब पूरा ओवल का मैदान तालियां बजा रहा था. फैंस अपनी अपनी कुर्सी छोड़ इस बल्लेबाज की एक झलक और उसकी तारीफ में तालियों की गड़गड़ाहट बिछा देना चाहते थे. ऐसे विदाई शायद स्मिथ को रिटायरमेंट के समय भी नसीब न हो. स्मिथ तुम लाजवाब हो जिसने ऑस्ट्रेलिया को एशेज पर एक बार फिर गर्व करना सीखा दिया.