सुपर संडे, सुपर मुकाबला: सिर्फ क्रिकेट नहीं आज हॉकी में भी भारत के सामने होगा पाक
नई दिल्ली: विराट कोहली के बेहतरीन ड्राइव और हरमनप्रीत सिंह की ताकतवर ड्रैगफ्लिक का नजारा आज एक साथ देखने को मिलेगा जब भारत और पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीमें क्रिकेट टीम और हॉकी के मैदान पर किसी तीसरे देश में आमने-सामने होंगी.
भारतीय क्रिकेट टीम लंदन के ओवल में चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से भिड़ेगी, जबकि इससे 55 मील से भी कम दूरी पर राष्ट्रीय पुरूष हॉकी टीम को मिल्टन केन्स में पाकिस्तान की ही हॉकी टीम के खिलाफ उतरना है.
ऐसा बेहद कम होता है जब राष्ट्रीय जज्बे का प्रतीक क्रिकेट और राष्ट्रीय खेल हॉकी के बीच एक साथ दर्शकों को खींचने की जोर आजमाइश होती है. क्रिकेट का सात घंटे का उतार चढ़ाव हो या फिर 60 मिनट तक छड़ी का जादू, प्रतिस्पर्धा में किसी भी तरह से रोमांच की कमी नहीं होगी.
‘देसी’ का संदर्भ पाने वाले ब्रिटिश भारतीय अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ सुपर संडे के दिन खेल के जश्न का हिस्सा बनने के लिए मौजूद रहेंगे. बालीवुड ब्रिगेड, राजनीतिक हस्तियों और जाने माने लोगों के ग्लैमर से भरपूर क्रिकेट मुकाबले में पहुंचने की उम्मीद है, जबकि हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल मुकाबला भी आकर्षण का केंद्र रहेगा.
जो खेल प्रेमी क्रिकेट मैच का टिकट नहीं खरीद पाये वे ओवल से लगभग एक घंटे की दूरी पर मिल्टन केन्स जाकर मनप्रीत सिंह और एसवी सुनील जैसे खिलाड़ियों के कौशल के गवाह बन सकते हैं.
इसे पाकिस्तान के खेल ढांचे में आई गिरावट कहें या भारतीय के तेजी से आगे बढ़ते कदम, खेल के क्षेत्र में दोनों पड़ोसी देशों के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान के खिलाफ खेल प्रतिद्वंद्विता के नाम से ही भारतीय जनता में जज्बा और राष्ट्रवाद हावी होने लगता है.
वह दिन लद गए जब इमरान खान, जावेद मियांदाद, वसीम अकरम और सलीम मलिक जैसे स्टार खिलाड़ियों की मौजूदगी वाली पाकिस्तानी टीम के खिलाफ जीत बेहद संतोष देती थी. इस तरह शाहबाज अहमद, ताहिर जमां या बाद में सोहेल अब्बास और रेहान बट की मौजूदगी वाली पाकिस्तान टीम के खिलाफ जीत विशेष होती थी.
एक औसत भारतीय प्रशंसक पाकिस्तान के इन दिग्गज क्रिकेट और हॉकी खिलाड़ियों के नाम से वाकिफ होता था लेकिन अगर अजहर अली या हसन अली रास्ते पर चल रहे हैं तो शर्त लगाई जा सकती है कि 10 में से सात भारतीय प्रशंसक उन्हें एक नजर में नहीं पहचान पाएंगे.
पाकिस्तानी खिलाड़ी अब भारतीय टीमों या प्रशंसकों के मन में उस तरह का डर पैदा नहीं करते जैसा पहले किया करते थे. कभी कभार वे भारतीय टीमों के लिए मुश्किल पैदा करते हैं और कल ऐसा हो सकता है. लेकिन यह ऐसा मुकाबला होगा जिसे दोनों ही टीमें गंवाना नहीं चाहेंगी.