नई दिल्ली: कुछ गेंदबाज ऐसे होते हैं जो जानते हैं कि मैच के विशेष हालात में क्या किया जाना चाहिए और आशीष नेहरा उन्हीं में से एक हैं जिन्हें पता है कि वह जो सोच रहे हैं, उसके लिये रणनीति का कार्यान्वयन कैसे किया जाना चाहिए.



 



घुटने की सर्जरी के बाद इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में वापसी में नेहरा ने 28 रन देकर तीन विकेट हासिल किये जिससे पता चलता है कि उनकी गेंदबाजी में वही धार मौजूद है. जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाजों को उनके जैसे ही मेंटर की जरूरत है.



 



उनके करीबी हरभजन सिंह से लेकर पूर्व भारतीय गेंदबाजी कोच भरत अरूण, मदन लाल और विजय दहिया ने नेहरा के बारे में एक जैसे विचार रखे.



 



हरभजन 20 सालों से नेहरा को जानते हैं, उन्होंने कहा, ‘‘उसके कौशल का स्तर बिलकुल अलग है. जैसे विराट कोहली अंदाजा लगा सकता है कि एक गेंदबाज कैसे गेंदबाजी करेगा और वह किस तरह का शॉट लगायेगा, आशीष उसी तरह जानता है कि एक बल्लेबाज उस विशेष गेंद पर कैसे हिट करेगा और वह उसी तरह से मैदान सजाता है. मैं जानता हूं कि उसने कितनी मेहनत की है, लेकिन उसके लिये अपने शरीर को जानना मददगार हुआ है. ’’ 



 



पूर्व भारतीय गेंदबाजी कोच अरूण ने बताया कि नेहरा के पास दो तरह के बाउंसर हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वह दो तरह के बाउंसर फेंक सकता है जो एक दूसरे से पूरी तरह से भिन्न हैं. वह बेहतरीन यार्कर फेंकता है और उसकी गुडलेंथ गेंद शानदार है. टी20 प्रारूप उसके लिये पूरी तरह से मुफीद है. सबसे अच्छी बात है कि वह कभी भी 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार का गेंदबाज नहीं रहा. ’’ 



 



उन्होंने कहा, ‘‘वह हमेशा ही 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाला गेंदबाज रहा है. इसलिये टी20 में आपको 24 गेंद फेंकनी होती हैं और इससे उसे मौका मिल जाता है. ’’ 



 



दिल्ली राज्य की टीम में एक समय नेहरा के साथी और उनके कोच दहिया ने कहा, ‘‘आशीष ने काफी चोटों का सामना किया है और मेरा मानना है कि यह तेज गेंदबाजी की अहम चीज है. अन्य गेंदबाजों के विपरीत उसे कम क्रिकेट खेलने के लिये बाध्य होना पड़ा और इससे वह तरोताजा रहा. ’’ 



 



दहिया ने कहा, ‘‘वह जानता है कि वह अपने शरीर की वजह से टेस्ट मैच नहीं खेल पायेगा इसलिये वह रणजी ट्रॉफी नहीं खेलता और उसने सीमित ओवरों के मैचों पर ध्यान लगाया और इससे उसका सर्वश्रेष्ठ निकला. ’’ 



 



पूर्व विश्व कप विजेता मदन लाल ने कहा, ‘‘आपको बताउं, आशीष को खराब फार्म से कभी भी बाहर नहीं किया गया. वह हमेशा चोटिल रहता है जो खेल का हिस्सा है. दिल्ली के कोच या राष्ट्रीय चयनकर्ता के तौर पर हमने कभी भी उसके गेंदबाजी स्तर के बारे में चर्चा नहीं की क्योंकि हर कोई जानता था कि वह क्या कर सकता है.