मौजूदा चैंपियन कर्नाटक ने अंतिम गेंद पर तमिलनाडु को एक रन से हराकर लगातार दूसरी बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया. टूनार्मेंट के इतिहास में कर्नाटक पहली ऐसी टीम बन गई है, जिसने खिताब का बचाव किया है. एक महीने पहले ही विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली कर्नाटक पहली ऐसी टीम भी बन गई है, जिसने एक ही सीजन में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है. विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में भी कर्नाटक ने तमिलनाडु को ही हराया था.
तमिलनाडु ने रविवार रात यहां लालाभाई कॉन्ट्रेक्टर स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच में टॉस जीतकर कर्नाटक को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया. कर्नाटक ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में पांच विकेट पर 180 रन का स्कोर बनाया.
कर्नाटक के लिए कप्तान मनीष पांडे ने 45 गेंदों पर चार चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 60 रन की सर्वाधिक पारी खेली. उनके अलावा रोहन कदम ने 35, देवदत्त पडिकल ने 32, लोकेश राहुल ने 22 और करुण नायर ने 17 रनों का योगदान दिया.
तमिलनाडु की ओर से रविचंद्रन अश्विन और मुरुगन अश्विन ने दो-दो जबकि वाशिंगटन सुंदर ने एक विकेट हासिल किया. कर्नाटक से मिले 181 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी तमिलनाडु ने 80 रन तक अपने चार विकेट गंवा दिए थे. इसके बाद हालांकि बाबा अपराजित और विजय शंकर ने क्रमश: 40 और 44 रनों की पारी खेलकर टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचाया. दोनों बल्लेबाजों ने पांचवें विकेट के लिए 43 गेंदों पर 71 रनों की साझेदारी की.
तमिलनाडु को अंतिम ओवर में जीत के लिए 13 रनों की दरकार थी और रविचंद्रन अश्विन तथा विजय शंकर क्रीज पर मौजूद थे. दोनों बल्लेबाज तमिलनाडु को लक्ष्य के करीब लेकर गए. अब उसे अंतिम दो गेंदों पर चार बनाने थे, लेकिन ऑफ स्पिनर कृष्णप्पा गौतम ने शानदार गेंदबाजी करते हुए तमिलनाडु को लक्ष्य तक नहीं पहुंचने दिया और कर्नाटक को एक रन की रोमांचक खिताबी जीत दिला दी.
कर्नाटक की ओर से रोनित मोरे ने दो जबकि गौतम, श्रेयस गोपाल और जगदिश सचित ने एक-एक विकेट लिया.