T20 Cricket: क्रिकेट में टेस्ट फॉर्मेट को सबसे ऊंचा दर्जा दिया जाता है. लेकिन क्या फैंस टेस्ट क्रिकेट देखना पसंद करते हैं? इसका जबाव है शायद नहीं. लेकिन ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि दर्शक टी20 क्रिकेट देखना ज़्यादा पसंद करते हैं. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खेले जाने वाले सबसे छोटो फॉर्मेट को दुनियाभर में पसंद किया जाता है. टी20 क्रिकेट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को आज दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बनने में मदद की है.


इस साल होने हैं टी20 वर्ल्ड कप


गौरतलब है कि इस साल टी20 वर्ल्ड कप का आठवां संस्करण खेला जाना है. ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले इस टी20 वर्ल्ड की शुरुआत 16 अक्टूबर से होगी, जिसमें भारतीय टीम अपना पहला मैच 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के खिलाफ मेलबर्न में खेलेगी. बता दें कि टी20 क्रिकेट शुरु होने से पहले बीसीसीआई के हालात इतने अच्छे नहीं थे.


वर्ल्ड कप विजेता टीम के लिए नहीं थे पैसे


बीसीसीआई साल 1975 में टीम के खिलाड़ियों को एक टेस्ट मैच खेलने के लिए 2500 रुपये की फीस देता था. इसके बाद भारतीय टीम ने साल 1983 में पहला वनडे वर्ल्ड कप जीता. वर्ल्ड कप जीतने के बाद भी भारतीय टीम के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपने खिलाड़ियों को दे सकें. इसके बाद मशहूर सिंगर लता मंगेशकर ने खिलाड़ियों को पैसा देने के लिए एक शो अरेंज किया और उससे जो भी पैसा आया वो खिलाड़ियों में बांटा गया.


टीवी पर मैच दिखाने के लिए नहीं थे पैसे


बीसीसीआई की हालत इतनी खराब थी कि उनके पास भारतीय टीम का मैच टीवी पर दिखाने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे. 1983 के वर्ल्ड कप के बाद बोर्ड की कमाई में कुछ इज़ाफा हुआ और बीसीसीआई टीवी पर मैच दिखाने के लिए दूरदर्शन को 5 लाख रूपये की फीस दिया करता था.


कैसे टी20 क्रिकेट ने बदले बीसीसीआई के हाल


साल 1991 में पहली बार टीवी राइट्स बिके, जिससे बाद बीसीसीआई कुछ मज़बूत हुआ और लाखों की हैसियत रखने वाला बोर्ड करोड़ों तक पहुंचा. करीब 15 साल में ये सिलसिला धीरे-धीरे करोड़ से कुछ सौ करोड़ तक जा पहुंचा. इसके बाद टी20 क्रिकेट की शुरुआत हुई, जिसने बीसीसीआई को दुनिया सबसे अमीर देश बोर्ड और क्रिकेट को फुटबॉल के बाद सबसे पसंसदीदा खेल बना दिया.


अब ब्रॉकास्टर देता है बीसीसीआई को पैसा


एक वक़्त था जब बीसीसीआई भारत का मैच टीवी पर दिखाने के लिए दूरदर्शन को 5 लाख रुपय की फीस देता था. लेकिन वक़्त ने ऐसी पलटी मारी कि अब ब्रॉडकॉस्टर खुद बीसीसीआई को इंडिया में होने वाले एक मैच के लिए 43.20 करोड़ रुपए देते हैं. टी20 क्रिकेट से इस खेल को दुनियाभर में पहचान मिली.


क्रिकेट को दुनिया भर में मिली पहचान


क्रिकेट के इतिहास में पहला टेस्ट मैच साल 1877 में खेला गया था. लेकिन आज भी टेस्ट क्रिकेट को 12 देश ही खेलते हैं और इसकी पहुंच ज़्यादा बड़ी नहीं है. जबकि, टेस्ट को क्रिकेट का सबसे अव्वल फॉर्मेट माना जाता है. वहीं, वनडे से क्रिकेट को कुछ ज़्यादा लोगों ने अपनाया और 25 देश वऩडे क्रिकेट खेलने वाले बने. लेकिन टी20 क्रिकेट अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी. मौजूदा वक़्त में टी20 क्रिकेट को कुल 95 देशों में खेला जाता है.


टी20 ही ऐसा फॉर्मेट है, जिसके चलते क्रिकेट को इतनी पहचान मिली और आज दुनिया का दूसरा सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाला खेल बन गया. क्रिकेट से पहले लोग हॉकी को तरजीह दिया करते थे, लेकिन अब हॉकी तीसरे नंबर पर आ गया है. दुनिया में अभी सबसे ज़्यादा फुटबॉल के 350 करोड़ फैंस हैं. इसके बाद क्रिकेट नंबर दो पर 250 करोड़ फैंस के साथ, हॉकी नंबर तीन पर 200 करोड़ फैंस के साथ, टेनिस नंबर चार पर 100 करोड़ फैंस के साथ और वालीबॉल नंबर पांच पर 90 करोड़ फैंस के साथ मौजूद है.


प्रोफेशनल खेल में तबदील हुआ क्रिकेट


कोई भी खेल अव्वल नंबर का तब बनता हैं, जब वो प्रोफेशनल खेल बन जाए और किसी भी खेल को प्रोफेशनल बनाती है फ्रेंचाइज़ी लीग. बाकी खेलों की तरह क्रिकेट को ये मुकाम आईपीएल ने हासिल करवाया. आईपीएल आ जाने के बाद बीसीसीआई से लेकर आईसीसी की कमाई में करीब 10 गुना इज़ाफा हुआ. आईपीएल साल 2008-17 तक इसके टीवी राइट्स सोनी नेटवर्क पास रहे, जिसने इन्हें 8200 करोड़ में खरीदा था. इसके बाद साल 2018-23 तक स्टार स्पोर्ट्स ने इसके राइट्स 16,347 करोड़ में खरीदे. हाल ही में साल 2023-27 तक आईपीएल के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स एक बार फिर स्टार स्पोर्ट्स ने 48,359.52 में खरीदे.


वहीं, इसकी व्यूवरशिप में भी काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिली. BARC India से लिए गए डाटा के मुताबिक, साल 2008 में आईपीएल की व्यूवरशिप 10.2 करोड़, साल 2009 में 12.3 करोड़, साल 2010 में 14.4 करोड़, 2011 में 16 करोड़, साल 2012 में 16.3 करोड़, साल 2013 में 17.6 करोड़, साल 2014 में 19 करोड़, साल 2015 में 19.2 करोड़, साल 2016 में 36.1 करोड़, साल 2017 में 40 करोड़, साल 2018 में 40.8 करोड़ साल 2019 में 46.2 करोड़ और साल 2020 और में कुछ गिरावट देखने को मिला. दोनो साल की व्यूवरशिप क्रमश: 40.5 और 41 करोड़ रही.


क्या ओलिंपिक में जगा बना पाएगा क्रिकेट


ओलंपिक दुनिया में होने वाला सबसे बड़ा स्पोर्ट्स इवेंट है. इस इवेंट में अभी तक सिर्फ एक बार ही क्रिकेट को शामिल किया गया है. 1900 में पेरिस में हुए समर ओलिंपिक में क्रिकेट अभी तक पहली और आखिरी बार इस इवेंट का हिस्सा बना था. क्रिकेट का एक मैच होने में काफी वक़्त लगता और बहुत कम ही देश क्रिकेट खेलते हुए, इसलिए इसे ओलिंपिक से दूर रखा जाता है. अब टी20 क्रिकेट आने के बाद से काफी चीज़ें बदल गई हैं और उम्मीद की जा रही है कि साल 2028 में अमेरिका के लॉस एंजिल्स में होने वाले ओपलिंपिक में क्रिकेट शामिल किया जाएगा, आईसीसी इस कोशिश में लगा हुआ है.


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