T20 WC 2007: बॉल आउट, युवराज के 6 छक्के और जोगिंदर शर्मा का वह आखिरी ओवर; देखें 15 साल पुरानी एतिहासिक जीत के कुछ खास लम्हे
T20 World Cup 2007: साल 2007 में पहली बार टी20 वर्ल्ड कप आयोजित किया गया था. भारतीय टीम यहां चैंपियन बनी थी.
T20 World Cup 2007 Memories: 15 साल पहले आज ही के दिन भारतीय टीम (Team India) टी20 वर्ल्ड कप चैंपियन (T20 World Cup Champion) बनी थी. फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 5 रन से रोमांचक शिकस्त देकर ट्रॉफी उठाई थी. यहां सबसे खास बात यह थी कि क्रिकेट जगत में यह पहला टी20 वर्ल्ड कप था और भारतीय टीम पूरी तरह से युवाओं से भरी हुई थी. यहां किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि बिना सचिन, सौरव और द्रविड़ की तिकड़ी के बिना टीम इंडिया यह वर्ल्ड कप जीत पाएगी लेकिन धोनी ब्रिगेड ने यहां सभी पूर्वानुमानों को गलत साबित कर दिया था.
इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ग्रुप-डी में थी. इस ग्रुप में पाकिस्तान और स्कॉटलैंड की टीमें भी थीं. भारत ने यहां अपने अभियान की शुरुआत स्कॉटलैंड के खिलाफ मैच से की. इस मैच में बारिश के चलते एक भी गेंद नहीं फेकी जा सकी थी और दोनों टीमों को 1-1 अंक से संतोष करना पड़ा था. इसके बाद भारत-पाकिस्तान का महामुकाबला हुआ, जिसने रोमांच की सारी हदें पार कर दी.
पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप मुकाबले में भारत ने खराब शुरुआत के बाद जैसे-तैसे 141 रन बनाए. जवाब में पाक टीम भी निर्धारित ओवर में 141 रन ही बना सकी और मैच टाई हो गया. यहां हैरत की बात यह थी पाक टीम को जीत के लिए दो गेंद पर एक रन की दरकार थी लेकिन मिस्बाह यह एक रन भी नहीं चुरा सके. आखिरी में मुकाबले का फैसला बॉल आउट के जरिए किया गया, जहां भारत के तीनों गेंदबाजों ने स्टम्प बिखेर दिए लेकिन पाकिस्तान का कोई बॉलर स्टम्प पर बॉल नहीं डाल सका. भारत इसी जीत के बाद दूसरे राउंड में पहुंचा था.
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अगले राउंड में टीम इंडिया की भिड़ंत न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड से हुई. यहां पहले मैच में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के हाथों 10 रन से हार गई. भारत को अब अपने अगले दोनों मैच हर हाल में जीतने थे. यहां भारत का दूसरा मैच इंग्लैंड से हुआ. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए गंभीर और सहवाग के अर्धशतकों की बदौलत अच्छी शुरुआत की. पारी का अंत और भी धमाकेदार अंदाज में हुआ. 19वें ओवर में युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड को 6 गेंद पर 6 छक्के जड़ डाले. युवी ने महज 12 गेंद पर फिफ्टी पूरी कर ली. यह आज तक एक रिकॉर्ड बना हुआ है. भारत ने यहां पहले खेलते हुए 218 रन बनाए और जवाब में इंग्लैंड को 200 रन पर रोककर मैच जीत लिया. भारत ने इसी तरह दक्षिण अफ्रीका को अगले मैच में भी पटखनी दे डाली और सेमीफाइनल में जगह बना ली.
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सेमीफाइनल में श्रीसंथ की यादगार गेंदबाजी
सेमीफाइनल में भारतीय टीम का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से था. यहां भी युवराज ने 30 गेंद पर 70 रन की ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए टीम इंडिया को 188 रन के स्कोर पर पहुंचाया. जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने भी दमदार अंदाज में लक्ष्य का पीछा किया लेकिन वह 173 रन तक ही पहुंच सकी. यहां श्रीसंथ ने 4 ओवर में 12 रन देकर 2 विकेट चटकाए थे. यहां श्रीसंथ ने जिस तरह से पिच को ठोक-ठोक कर हेडन के विकेट का जश्न मनाया था, वह आज भी यादगार है.
फाइनल में जोगिंदर शर्मा का लाजवाब ओवर
फाइनल मैच में टीम इंडिया एक बार फिर पाकिस्तान के सामने थी. गौतम गंभीर के 75 रन की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को 158 रन का लक्ष्य दिया था. जवाब में पाकिस्तान की शुरुआत तो खराब रही लेकिन टीम गिरत-पड़ते लक्ष्य के करीब पहुंच गई. इस दौरान कई बार मैच का पासा इधर से उधर होता रहा. आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन की दरकार थी और उसका महज एक विकेट बाकी था. यह ओवर जोगिंदर शर्मा कर रहे थे. इस ओवर में जोगिंदर ने शुरुआती दो गेंद पर ही 7 रन लुटा दिए थे लेकिन ओवर की तीसरी गेंद पर उन्होंने मिस्बाह उल हक को पवेलियन भेज भारतीय टीम को एतिहासिक जीत दिला दी.
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