T20 World Cup 2022: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने कुछ नए नियम जारी किए हैं. इनमें से एक नियम ऐसा है जिसमें अगर कोई टीम स्लो ओवर रेट की दोषी पाई जाती है तो उन्हें फील्डिंग में कटौती करनी पड़ती है. स्लो ओवर रेट की दोषी टीम को बाउंड्री पर कम खिलाड़ी खड़े करने की अनुमति मिलती है और उन्हें अधिक खिलाड़ी सर्कल के अंदर रखने पड़ते हैं. टी20 वर्ल्ड कप 2022 से पहले डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने इससे निपटने का एक अनोखा तरीका निकाला है.


ऑस्ट्रेलिया अपने बेंच पर बैठे खिलाड़ियों और साथ ही सपोर्ट स्टाफ के लोगों को बाउंड्री के किनारे तैनात कर रही है जिससे कि यदि कोई बाउंड्री खाली हो तो वहां तक जाकर खिलाड़ी को गेद ना उठानी पड़े और गेंद जल्दी से वापस मैदान में आ जाए.


इस रणनीति पर एस्टन एगर ने कहा, "पावरप्ले में जाहिर तौर पर गेंद इधर-उधर जाती रहती है और यदि खिलाड़ियों को खुद जाकर गेंद उठानी पड़ती है तो इससे आपका समय नष्ट होता है. ऐसे में समय पर ओवर पूरे करना एक कड़ी चुनौती हो जाती है. मेरा मानना है कि बेंच पर बैठे खिलाड़ियों को बाउंड्री के करीब रखने से आप 10 सेकेंड का समय बचा लेते हैं. भले ही यह कम समय लग रहा हो, लेकिन अंत में ये काफी अहम हो सकता है. इससे आपको कोई लाभ नहीं मिलता, लेकिन यह स्मार्ट चीज है."


हालिया समय में देखा गया है कि भारतीय अक्सर स्लो ओवर रेट की दोषी पाई गई है. वर्ल्ड कप में यदि भारतीय टीम ऐसी परिस्थिति में आती है तो उन्हें बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. भारत को भी ऑस्ट्रेलिया की इस रणनीति से सीख लेनी चाहिए.  


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