T20 World Cup 2022: टी20 विश्वकप 2022 का 16 अक्टूबर से आगाज हो रहा है. इस टूर्नामेंट का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में हो रहा है और इसमें भारत समेत दुनिया की कई टीमें हिस्सा ले रही हैं. टी20 फॉर्मेट की दीवानगी ने क्रिकेट को दुनिया में बहुत ज्यादा लोकप्रिय बना दिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक यह विश्व में दूसरा सबसे ज्यादा पसंद किए जाना वाला खेल बन गया है. टी20 फॉर्मेट ने क्रिकेट को महंगा भी बना दिया है.
भारतीय टीम की बात करें तो उसे साल 1975 में टेस्ट मैच खेलने के लिए 2500 रुपये मिला करते थे. यह टीम के खिलाड़ियों की मैच फीस हुआ करती थी. इसके बाद वनडे क्रिकेट की शुरुआत हुई और 1983 में टीम इंडिया चैंपियन बन गई. लेकिन तब बीसीसीआई के पास खिलाड़ियों को देने के लिए पैसे नहीं थे. इसके लिए लता मंगेशकर ने एक शो किया और उससे आए पैसों को भारतीय टीम के खिलाड़ियों को दिया गया.
1983 विश्वकप के बाद टीम इंडिया की कमाई में बढ़ोतरी हुई. लेकिन तब बीसीसीआई को भारत का एक मैच दिखाने के लिए 5 लाख रुपये चुकाने पड़ते थे. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को छोड़ दें तो दुनिया के लगभग सभी क्रिकेट बोर्डों की यही स्थिति थी. इसके बाद 1991 में पहली बार टीम इंडिया के टीवी राइट्स बिके और बीसीसीआई लाख रुपये से बढ़कर कुछ करोड़ तक पहुंची.
इसके बाद टी20 फॉर्मेट की शुरुआत हुई. इसने भारतीय टीम के खिलाड़ियों के साथ-साथ बोर्ड को भी बहुत अमीर बना दिया. दैनिक भास्कर वेबसाइट पर छपी एक खबर के मुताबिक टी20 फॉर्मेट की वजह से ही क्रिकेट दुनिया में दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल बन गया. इस मामले में फुटबॉल पहले स्थान पर है. अगर कप्तान रोहित शर्मा की बात करें तो उन्हें बोर्ड 7 करोड़ रुपये सालान कॉन्ट्रैक्ट के लिए देता है. वहीं आईपीएल में 20 करोड़ रुपये फीस के रूप में मिलते हैं.
अगर बीसीसीआई की कमाई की बात करें तो उसे दूरदर्शन पर एक मैच प्रसारित करवाने के लिए फीस के रूप में 5 लाख रुपये देने पड़ते थे. लेकिन टी20 फॉर्मेट ने पूरा गेम ही बदल दिया. बीसीसीआई को साल 2012 में स्टार ग्रुप ने एक मैच दिखाने के लिए 32 लाख रुपये दिए और यह सिलसिला चलता रहा. साल 2022 में स्टार ग्रुप बीसीसीआई को एक घरेलू मैच दिखाने के लिए 43.20 करोड़ देता है.
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