Suryakumar Yadav T20 World Cup 2022: भारतीय स्टार बल्लेबाज़ सूर्यकुमार यादव मौजूदा वक़्त में टी20 इंटरनेशनल के नंबर वन बल्लेबाज़ हैं. सूर्या टी20 इंटरनेशनल में एकदम परफेक्ट दिखाई देते हैं. उन्होंने इस साल टी20 इंटरनेशनल में 1000 रन भी पूरे कर लिए हैं. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 186.54 का रहा है. वहीं, उनका औसत 44.60 का रहा है. क्या आप जानते हैं कि आज के नंबर वन बल्लेबाज़ को कभी क्रिकेट खेलने के लिए रिश्तेदार ताने मारा करते थे. सूर्या के पिता अशोक कुमार यादव ने इस बारे में खुलासा किया है.


2 साल पहले क्यों नाखुश थे सूर्या?


सूर्यकुमार यादव के पिता अशोक कुमार यादव ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए बताया, “सूर्या भले ही आज टी20 इंटरनेशनल में नंबर बल्लेबाज़ बन गए हों, लेकिन 2 साल पहले वह भारतीय टीम में न चुने जाने पर नाखुश थे. उस दौरान ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम का अनाउंसमेंट होना था और सूर्या उम्मीद लगाए हुए था कि उसको टीम में चुन लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.”


उनके पिता आगे बताते हैं, “अगले ही दिन मुंबई इंडियंस का आरसीबी से मैच था. उस मैच में 165 रनों का पीछा कर रही मुंबई की टीम लगातार विकेट गंवा रही थी. वहीं, दूसरी तरफ सूर्या क्रीज़ पर डटे हुए थे. उन्होंने 43 गेंदों में 79 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली.”


मां से है खास लगाव


सूर्या के पिता ने आगे बताया, “इतने बड़े खिलाड़ी बनने के बाद सूर्या एक ज़मीनी इंसान हैं. वो फैमिली को सबसे ज़्यादा अहमियत देते हैं. उन्हें मां से कुछ ज़्यादा ही लगाव है. वो हर मैच से पहले अपनी मां का आशीर्वाद लेत हैं. ग्राउंड पर पहुंचने से पहले वो बस में बैठकर अपनी मां को फोन करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं. मैच खत्म होने के बाद भी वो फोन मां को अपनी पारी के बारे में बताते हैं.”


रिश्तेदार मारते थे ताना


उनके पिता ने आगे बताया, “मैं मुंबई के भाभा रिसर्च सेंटर में इंजीनियर हूं. हमारी सोसाइटी में ज़्यादा तक साइंटिस्ट और इंजीनियर ही मौजूद हैं. सूर्या एक औसत छात्र रहा है, क्योंकि हमेशा से ध्यान खेल पर रहा है. पहले वो बैडमिंटन खेलता था, इसके बाद उसने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. लोग मुझे और उसकी मां ताने मारा करते थे कि खेल में कुछ नहीं रखा है. इससे कोई करियर नहीं बनेगा. सिर्फ वाले ही सोसाइटी नहीं, बल्कि रिश्तेदार भी ताने मारा करते थे.”


उन्होंने आगे बताया, “हम बनारस के रहने वाले हैं. वहां के रिश्तेदार कहा करते थे कि खेल में इसकी ज़िंदगी क्यों बर्बाद कर रहे हो. एक दिन उसके कोच ने मुझसे कहा कि आपका बेटा बहुत प्रतिभाशाली है. यह बहुत कुछ करेगा. इसके बाद मैंने सूर्या को कभी नहीं रोका. मुझे पता था कि अगर रणजी तक पहुंच गया तो नौकरी तो मिल ही जाएगी.


 


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