Rahul Dravid 1997 Barbados Test: टी20 वर्ल्ड कप 2024 के सुपर-8 का तीसरा मुकाबला भारत और अफगानिस्तान के बीच खेला जाना है. यह मैच बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल स्टेडियम में खेला जाएगा. भारतीय समय के मुताबिक यह मैच रात 8 बजे शुरू होगा. इस मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का एक अलग ही रूप देखने को मिला. जब उनसे एक रिपोर्टर ने 1997 के बारबाडोस टेस्ट के बारे में पूछा तो उन्हें इसकी याद आ गई.
दरअसल भारतीय टीम के शानदार खिलाड़ी रह चुके द्रविड़ के लिए बारबाडोस का मैदान खास यादें नहीं समेटे हुए है. एक रिपोर्टर ने जब उनको बतौर खिलाड़ी उनके खराब प्रदर्शन की याद दिलाई तो हेड कोच द्रविड़ थोड़ा गुस्से में आ गए. उन्होंने रिपोर्टर को जवाब देते हुए कहा कि वह अतीत की बातों को भूल चुके हैं और अब सिर्फ कोच के तौर पर अच्छा प्रदर्शन करने पर ध्यान दे रहे हैं.
राहुल द्रविड़ और पत्रकार के बीच बातचीत
पत्रकार: "राहुल, आप एक खिलाड़ी के रूप में यहां खेले हैं. 1997 का टेस्ट मैच? आपकी अच्छी यादें नहीं रहीं होंगी..."
द्रविड़: "अरे वाह! बहुत अच्छा सवाल किया! यहां मेरी कुछ अच्छी यादें भी हैं यार!"
पत्रकार: "वही तो असल में मेरा सवाल है. क्या कल आपके पास शानदार प्रदर्शन करके नई और बेहतर यादें बनाने का मौका है?"
द्रविड़: "हे भगवान! मैं कोई नई यादें बनाने की कोशिश नहीं कर रहा हूं यार!"
इसके बाद राहुल द्रविड़ कहते हैं- "मैं चीजों को बहुत जल्दी भूल जाता हूं. ये मेरी आदत है. मैं पीछे मुड़कर नहीं देखता. मैं कोशिश करता हूं कि अब मैं क्या कर रहा हूं उस पर ध्यान दूं. मैं इस बात को लेकर परेशान नहीं हूं कि 1997 या किसी और साल में क्या हुआ था."
उन्होंने आगे कहा- "अगर हम यह जीत भी जाते हैं... तो आप जानते हैं. अगर आपने मुझे ये बताया होता कि जीतने के बाद हम 80 रन नहीं बनाएंगे बल्कि 121 रन बनाएंगे, तो तब शायद मुझे परेशानी होती. लेकिन, अगर हम कल का मैच भी जीत जाते हैं, तो स्कोरकार्ड पर वही 80 रन लिखे रहेंगे."
क्या हुआ था 1997 के बारबाडोस टेस्ट में?
दरअसल, पत्रकार 1997 टेस्ट मैच में भारत की हार का जिक्र कर रहे थे. उस टेस्ट में भारत को 121 रनों का लक्ष्य मिला था, लेकिन पूरी टीम मात्र 81 रन ही बना सकी और 39 रन से हार गई.
गौरतलब है कि उस टेस्ट मैच की पहली पारी में ब्रायन लारा की अगुवाई वाली वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ दबदबा बनाते हुए राहुल द्रविड़ ने 78 रन बनाए थे और सचिन तेंदुलकर ने सर्वाधिक 92 रन बनाकर भारत को पहली पारी में बढ़त दिलाई थी. अंतिम भारतीय पारी में टीम के बल्लेबाज बुरी तरह से फ्लॉप रहे थे, सिर्फ वीवीएस लक्ष्मण ही दहाई के आंकड़े छू पाए थे.
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