Gautam Gambhir Team India Coach: भारतीय क्रिकेट टीम की दृढ़ता ने उसे तीनों फॉर्मेट में सफलता दिलाई है. यहां तक कि कुछ महीने पूर्व भारत ने टेस्ट, वनडे और टी20 फॉर्मेट की टीम टैंकिंग में एकसाथ पहला स्थान हासिल किया था. मगर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) जीतना अब भी टीम इंडिया के लिए एक सपना बना हुआ है. इस संबंध में भारतीय टीम के नए हेड कोच गौतम गंभीर ने अपनी राय सामने रखी है और उसके बाद हार्दिक पांड्या के टेस्ट क्रिकेट खेलने की उम्मीद भी की जाने लगी है.


हार्दिक पांड्या को मजबूरन खेलने पड़ सकते हैं टेस्ट


स्टार स्पोर्ट्स को दिए एक इंटरव्यू अनुसार गौतम गंभीर का स्पष्ट कहना है कि जो खिलाड़ी अच्छी फॉर्म में हैं, उन्हें तीनों फॉर्मेट खेलने चाहिए. इस बयान के बाद हार्दिक पांड्या को लेकर सवाल उठने लगे हैं, जो चोट लगने की संभावना के कारण काफी समय से सफेद गेंद की क्रिकेट ही खेलते आए हैं. बता दें कि हार्दिक पांड्या ने आखिरी टेस्ट साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. वो उसके बाद नियमित रूप से चोटिल होते रहे हैं, लेकिन गंभीर के बयान के बाद ऐसा लगता है जैसे पांड्या को मजबूरन टेस्ट क्रिकेट खेलना पड़ सकता है.


गौतम गंभीर का बयान


गंभीर ने कहा, "मैं इसी बात में विश्वास रखता हूं कि यदि आप तीनों फॉर्मेट में खेलने में सक्षम हैं तो जरूर खेलिए. मुझे चोट के कारण बदलाव लाने में कोई दिलचस्पी नहीं है, यदि आप चोटिल होते हैं तो जाइए और उससे रिकवर करके वापस आइए. जब आप अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं और अच्छा खेल रहे हैं तो आप तीनों फॉर्मेट में खेलने की चाह रखते हैं. कोई भी खुद को सफेद गेंद या लाल गेंद का बॉलर नहीं कहना चाहेगा."


'वर्कलोड मैनेज करने में नहीं रखता विश्वास'


टीम इंडिया के नए हेड कोच ने यह भी कहा है कि उन्हें किसी विशेष खिलाड़ी को टेस्ट या सीमित ओवरों के फॉर्मेट के लिए अलग से खिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. मैं वर्कलोड मैनेज करने में विश्वास नहीं रखता. उनके अनुसार एक पेशेवर क्रिकेटर के पास करियर बनाने के लिए बहुत कम समय होता है, ऐसे में उन्हें ज्यादा से ज्यादा खेलने का प्रयास करना चाहिए. वहीं जब कोई खिलाड़ी अच्छी फॉर्म में चल रहा हो तो उसे तीनों फॉर्मेट खेलने चाहिए.


हार्दिक पांड्या का टेस्ट करियर


हार्दिक पांड्या ने टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू 2017 में श्रीलंका के खिलाफ किया था. उससे करीब एक साल के भीतर उन्होंने केवल 11 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उनके नाम करीब 31 के औसत से 532 रन हैं और गेंदबाजी में उन्होंने 17 विकेट लिए हैं. उन्होंने अब तक आखिरी टेस्ट मैच 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था.


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