एंटिगा टेस्ट मैच में टीम इंडिया की जीत तय थी. ये जीत तभी तय हो गई थी जब पहली पारी में खराब शुरुआत के बाद भी टीम इंडिया ने 300 रनों के करीब का स्कोर जोड़ लिया था. जिसके लिए उप कप्तान अजिंक्य रहाणे और रवींद्र जडेजा की तारीफ की जानी चाहिए. पहली पारी में भारत के 297 रनों के जवाब में वेस्टइंडीज ने 222 रन जोड़ भी दिए लेकिन ये साफ नजर आ रहा था चौथी पारी का दबाव झेलने के लिए कैरिबियाई टीम मानसिक तौर पर तैयार नहीं है. आखिरकार यही देखने को मिला भी. दूसरी पारी में भारतीय टीम की बल्लेबाजी भी निखर कर आई. अजिंक्य रहाणे ने शानदार शतक लगाया. विराट कोहली ने अर्धशतक लगाया. हनुमा विहारी ने शानदार 93 रन बनाए. विराट कोहली का हनुमा विहारी को मौका देने का फैसला सही साबित हुआ. नतीजा ये हुआ कि टीम इंडिया ने 7 विकेट पर 343 रन बनाकर पारी समाप्ति का एलान तो कर दिया लेकिन तब तक वेस्टइंडीज के सामने लक्ष्य 419 रनों को हो चुका था. वेस्टइंडीज को ये लक्ष्य कोई करिश्मा ही हासिल करा सकता था और वो करिश्मा हुआ नहीं. बल्कि ये करिश्मा जरूर हुआ कि भारतीय गेंदबाजों ने सिर्फ 26.5 ओवर में 100 रन के कुल स्कोर पर कैरिबियाई टीम को समेटकर पहले टेस्ट मैच में 318 रनों की बड़ी जीत हासिल कर ली. अजिंक्य रहाणे को उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया. इस जीत के साथ ही टीम इंडिया को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में 60 अंक मिल गए. टेस्ट चैंपियनशिप का फॉर्मेट ऐसा है कि हर एक मैच में जीत का फायदा बाद में समझ आएगा. अभी टेस्ट सीरीज में एक मैच बाकि है. जो 30 अगस्त से किंग्सटन में खेला जाना है. भारतीय टीम की कोशिश होगी कि उस मैच में जीत हासिल कर पूरे 120 अंक झोली में डाले जाएं.

वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत का सिलसिला

वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की ये जीत रिकॉर्ड्स के मायने में खास है. पिछले 22 मैच से भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ अपराजेय है. टेस्ट क्रिकेट में इससे ज्यादा मैचों तक किसी भी टीम के खिलाफ टीम इंडिया अपराजेय नहीं रही है. इससे ठीक उलट ऐसा भी पहली बार हुआ है जब वेस्टइंडीज की टीम ने 22 मैच तक किसी टीम के खिलाफ जीत ना हासिल की हो. एंटिगा टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज की टीम के 20 में से 18 विकेट तेज गेंजबाजों ने चटकाए. ये भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है कि किसी भी एशियाई टीम के तेज गेंदबाजों ने वेस्टइंडीज में एक टेस्ट मैच में इतने विकेट नहीं लिए थे. सबसे कम ओवर में विरोधी टीम को ऑल आउट करने के मामले में भी टीम इंडिया के लिए ये टेस्ट मैच खास है. इस लिहाज से ये भारत का चौथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हो गया. इससे पहले 2006 में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 25.1 ओवर में आउट किया था. 1981 में 26.2 ओवर में इंग्लैंड को और 2004 में 26.4 ओवर में बांग्लादेश को समेटने का श्रेय भी भारतीय गेंदबाजों को जाता है. एटिंगा टेस्ट की दूसरी पारी में वेस्टइंडीज की टीम को भारतीय गेंदबाजों ने 26.5 ओवर में समेटा. वो भी तब जबकि आखिरी विकेट के लिए केमार रोच और कुमिंग्स के बीच 6.5 ओवर की साझेदारी हुई.

गेंदबाजों का ‘पॉवरफुल’ प्रदर्शन

एंटिगा टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह ने 8 विकेट लिए. इस दौरे में उन्हें टी-20 और वनडे सीरीज के लिए आराम दिया गया था. आराम के बाद वापसी का तरोताजापन उनकी गेंदबाजी में दिखाई दिया. ईशांत शर्मा के खाते में 6 विकेट आए. उन्होंने पहली पारी में पांच विकेट चटकाए थे. मोहम्मद शमी ने भी चार विकेट लिए. टेस्ट क्रिकेट की पारंपरिक कहावत है कि आप मैच तभी जीत सकते हैं जब आपकी टीम के गेंदबाजों में 20 विकेट लेने का माद्दा हो. पिछले दो-तीन साल से भारतीय गेंदबाजों ने लगातार इस बात को साबित किया है कि वो विरोधी टीम चाहे जो भी हो उसके बीस विकेट निकालने की कूवत रखते हैं. बतौर कप्तान विराट कोहली के लिए इससे अच्छी बात और कुछ नहीं हो सकती है.