World Cup 1983: जब भारतीय टीम 1983 विश्व कप के लिए मैदान पर उतरी थी, तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह टीम खिताब जीतेगी. टीम ने विश्व कप में अच्छी शुरुआत की और पहले मैच में मजबूत वेस्टइंडीज को 34 रनों से हरा दिया. इसके बाद टीम ने एक बार फिर बढ़िया प्रदर्शन किया और जिंबाब्वे को 5 विकेट से हरा दिया. हालांकि इसके बाद अगले दो मैच में भारतीय टीम बुरी तरह हार गई, जिससे विश्व कप जीतने की संभावनाएं धूमिल होने लगीं. खुद टीम इंडिया का मनोबल काफी गिर गया. लेकिन इसके बाद कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) ने टीम को संकट से निकाला. चलिए टीम के सफर पर नजर डाल लेते हैं.
पहले दो मैच जीती, फिर दो मैच गंवाए
भारतीय टीम ने विश्व कप का आगाज वेस्टइंडीज को हराकर किया. इसके बाद टीम ने जीत की लय को बरकरार रखा और जिंबाब्वे को 5 विकेट से हराया. इसके बाद टीम पटरी से उतर गई ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 162 रनों से शिकस्त झेलनी पड़ी. इतना ही नहीं वेस्टइंडीज के खिलाफ की टीम को 66 रनों से हार झेलनी पड़ी. इससे टीम का मनोबल बुरी तरह गिर गया.
भारत ने की दमदार वापसी
दो मुकाबले गंवाने के बाद टीम ने एक बार फिर दमदार वापसी की और जिंबाब्वे को 36 रनों से हरा दिया. फिर टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का बदला लिया और ऑस्ट्रेलिया को 118 रनों से हरा दिया. इसी के साथ टीम ने सेमीफाइनल में एंट्री कर ली. सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद भारतीय टीम विश्व कप की प्रबल दावेदार बन गई.
सेमीफाइनल में इंग्लैंड और फाइनल में वेस्टइंडीज को हरा जीता था खिताब
सेमीफाइनल में भारतीय टीम का मुकाबला इंग्लैंड के साथ हुआ. इस मैच में टीम इंडिया का प्रदर्शन शानदार रहा और 6 विकेट से जीत दर्ज कर विश्व कप के फाइनल में एंट्री कर ली. फाइनल मैच लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला गया. सांसें थाम देने वाले इस मुकाबले में भारत ने 43 रनों से हराकर इतिहास रच दिया.