'हार के बाद खिलाड़ियों के साथ अंताक्षरी', जीत का प्रतिशत 65 फीसदी, ऐसा रहा Coach Ravi Shastri का सफर
Team India: रवि शास्त्री टीम इंडिया के कोच पद से हट चुके हैं. भारतीय टीम के साथ उनके कोचिंग के कार्यकाल का अंत हो गया है. उनकी कोचिंग में टीम इंडिया ने सोमवार को अपना आखिरी मैच खेली.
Ravi Shastri: रवि शास्त्री टीम इंडिया के कोच पद से हट चुके हैं. भारतीय टीम के साथ उनके कोचिंग के कार्यकाल का अंत हो गया है. उनकी कोचिंग में टीम इंडिया ने सोमवार को अपना आखिरी मैच खेली. रवि शास्त्री के कोच रहते टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में दो टेस्ट सीरीज जीती. भारतीय टीम ने इसी साल अगस्त-सितंबर में इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाई. ये वो परिणाम हैं जो रवि शास्त्री को टीम इंडिया का सफल कोच बनाते हैं. रवि शास्त्री के कार्यकाल में टीम इंडिया ने 42 में से 24 टेस्ट मैचों में जीत दर्ज की.
वहीं, 79 वनडे में से 53 में उसे जीत मिली. टी20 की बात करें तो शास्त्री के कार्यकाल में भारतीय टीम 67 मैच खेली और 43 में विजयी रही. उनके कार्यकाल में टीम इंडिया का सभी प्रारूपों में जीत का प्रतिशत 65 फीसदी रहा. इसमें कोई दो राय नहीं है कि रवि शास्त्री के कोच रहते टीम इंडिया ने कई ऐतिहासिक जीत हासिल की. खिलाड़ियों को कैसे मैनेज करना है ये रवि शास्त्री को बखूबी पता है. आमतौर पर हार के बाद खिलाड़ी निराश हो जाते हैं, लेकिन शास्त्री उन्हें मोटिवेट करना जानते हैं. टीम इंडिया की हार के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के मीम भी बनते हैं. शास्त्री पर भी कई मीम बनते रहे हैं, लेकिन मीम बनाने वालों को मैन-मैनेजमेंट के बारे में नहीं पता.
'हार के बाद रात 2 बजे सब गा रहे थे गाना'
कुछ वर्षों तक टीम के मैनेजर रहे सुनील सुब्रमण्यम को श्रीलंका से हार के बाद धर्मशाला की रात याद है. शास्त्री ने रात में टीम की बैठक बुलाई थी. उनका आदेश था कि हर कोई रात 8 बजे से पहले बोनफायर में होगा. सुब्रमण्यम भी मौके पर पहुंच गए थे.
शास्त्री ने सबसे कहा कि हम अंताक्षरी खेलेंगे. सुनील सुब्रमण्यम ने कहा कि रात के 2 बजे तक सब गा रहे थे. धोनी पुराने हिंदी गाने गा रहे थे. हर कोई उस जगह से इतनी खुशी से गया और सभी को पता था कि भविष्य में क्या करना है. शास्त्री के कार्यकाल के दौरान चयनकर्ता रहे जतिन परांजपे ने कहा कि रवि शास्त्री भी जानते थे कि खिलाड़ी के अनुसार उनकी चैट को कैसे तैयार किया जाए. किसको क्या कहना है, ये उनका पता था. जिस तरह से वह वाशिंगटन सुंदर से बात करते थे, वह मोहम्मद शमी से बात करने के तरीके से बिल्कुल अलग होता था.
परांजपे ने कहा कि सुंदर में शास्त्री अपने आपको देखते थे. एक गेंदबाज जो बल्लेबाजी भी कर सके. परांजपे ने कहा कि टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को भी शास्त्री से फायदा हुआ. एक समय था जब बुमराह को चोटें परेशान कर रही थीं और मैंने व्यक्तिगत रूप से शास्त्री को उन्हें अक्सर फोन करते हुए देखा है और उन्हें प्रेरित किया है. शास्त्री ने बुमराह से कहा कि हम सभी आपको मिस कर रहे हैं. आप वापस लौटें. आप तो चैम्पियन हैं. यह चोट आपकी गेंदबाजी को बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करेगी.
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