टी20 वर्ल्ड कप-2021 में नामीबिया के खिलाफ मैच के खत्म होने के बाद रवि शास्त्री का भारतीय टीम के साथ उनके सफर का भी अंत हो गया. वहीं विराट कोहली का भी बतौर कप्तान ये आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच था. यानी चार सालों तक विराट कोहली और शास्त्री की जो जोड़ी चलती रही उसपर अब फुल स्टॉप लग गया है. 


इन चार सालों में भारतीय टीम ने कैसा प्रदर्शन किया? इन चार वर्षों में आईसीसी की एक भी ट्रॉफी भारत की झोली में नहीं आई. 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी में भारत फाइनल में पाकिस्तान के हाथों हारकर बाहर हुआ था. 2019 वर्ल्ड कप क्रिकेट में न्यूजीलैंड ने भारत को सेमीफाइनल में मात दी. कीवी टीम से ही 2021 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी हार मिली. और इसके बाद वह टी20 वर्ल्ड कप-2021 के ग्रुप लीग से भी बाहर हो गई. इन 4 सालों में टीम इंडिया को आईसीसी इवेंट्स में चार बार मौके मिले लेकिन एक बार भी वह खिताब पर कब्जा नहीं कर पाई. 


ये असफलता नहीं है तो क्या है ?


हालांकि रवि शास्त्री और विराट कोहली के समर्थकों के साथ साथ क्रिकेट के और भी कई जानकर हैं जो एक अलग राय सामने रखकर कहते हैं कि नहीं रवि शास्त्री और विराट कोहली की जोड़ी एक सफल जोड़ी है. भारतीय टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पिछले चार सालों में सभी फॉर्मेट्स को मिलाकर 64.02 फीसदी मुक़ाबलों में जीत दर्ज की. इस आंकड़े को पिछले चार सालों में कोई भी टीम छू नहीं पायी है. 


डंकन फ्लेचर और गैरी कर्स्टन भी कुल जीत के मामले में इतने सफल नही रहें. रवि शास्त्री और कोहली की जोड़ी ने पिछले चार सालों में लगभग 58 फीसदी टेस्ट मैचों में जीत दर्ज की है. कुछ मुक़ाबलों में हालांकि अजिंक्य रहाणे ने भी कप्तानी की है. 


टीम इंडिया ने इस दौरान ऑस्ट्रेलिया में दो टेस्ट सीरीज जीती. उसने इसी साल अगस्त-सितंबर में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाई. टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो डंकन फ्लेचर की कोचिंग में भारतीय टीम 24 में से सिर्फ 2 ही मुक़ाबलों में देश के बाहर जीत दर्ज की थी. वहीं कर्स्टन के समय 6 मुक़ाबलों में टीम इंडिया ने देश के बाहर जीत हासिल की थी. 


हालांकि कर्स्टन और फ्लेचर दोनों के नाम के साथ आईसीसी इवेंट्स का खिताब जुड़े हैं. नामीबिया के खिलाफ मैच से पहले रवि शास्त्री ने कहा कि  जब मैंने ये काम शुरू किया था तो मेरा लक्ष्य था कि कुछ खास करने का , मुझे लगता हैं कि मैंने खास किया भी. पिछले 5 सालों में इन खिलाड़ियों ने हर फॉर्मेट्स में इतना अच्छा किया कि हम अब क्रिकेट इतिहास में दुनिया की सबसे बेहतरीन टीमों में से एक हैं. शास्त्री कुछ भी कहें , लेकिन आईसीसी टूर्नामेंट में लगातार नाकामी की वजह से आलोचक उनकी कोचिंग में भारतीय टीम सफल रही इसपर पूरी तरह से सहमत नहीं हैं. 


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