(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'खतरे में है टेस्ट क्रिकेट...' वेस्टइंडीज के दिग्गज ने भारत से लगाई गुहार; जानें क्या दलील दी
Test Cricket: वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के मौजूदा CEO जॉनी ग्रेव ने भारत से टेस्ट क्रिकेट को बचाने की गुहार लगाई है. यहां जानिए उन्होंने क्या कुछ कहा.
Johnny Grave on Test Cricket: टी20 वर्ल्ड कप के बीच टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए गुहार लगाई गई है. वेस्टइंडीज ने भारत से गुहार लगाई है कि वो टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए आगे आए. दरअसल, क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जॉनी ग्रेव ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट खतरे में है और वेस्टइंडीज जैसे छोटे क्षेत्रों में खेल के पांच दिवसीय फॉर्मेट को बचाए रखने के लिए भारत जैसे मज़बूत देश को नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभानी होगी.
जॉनी ग्रेव ने टेस्ट क्रिकेट की अहमियत को समझने के लिए बीसीसीआई की खूब तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि ICC के स्तर पर तीन बड़े देशों (भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया) के बाहर भी इस फॉर्मेट को बचाने के लिए अधिक प्रयास करने की जरूरत है.
बता दें कि आईसीसी के 9 प्रतिस्पर्धी पूर्ण सदस्यों में से सिर्फ तीन बड़े सदस्य ही 2023-2025 विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र में पांच मैचों की सीरीज खेलेंगे. वहीं तीन अन्य पूर्ण सदस्य आयरलैंड, अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे 2019 में शुरू की गई चैंपियनशिप का कभी हिस्सा नहीं रहे.
ग्रेव वर्तमान में टी20 विश्व कप की सह-मेजबानी में व्यस्त हैं. उन्होंने खेल के भविष्य और बीसीसीआई द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका पर अपने मन की बात शेयर की. उन्होंने कहा, भारत को नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभानी है. ताकत, प्रभाव और संसाधनों के मामले में वे अब नंबर वन बोर्ड हैं. उन्होंने जिस तरह से खेल के तीनों फॉर्मेट को खेलना जारी रखा है, वह शानदार रहा है. टेस्ट क्रिकेट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता मुझे नहीं लगता कि यह कभी इतनी मजबूत रही होगी जितनी अब है.
ग्रेव ने कहा कि आईसीसी में भारत के रुख का काफी प्रभाव रहता है. उन्होंने कहा, आईसीसी द्वारा लिए जाने वाले प्रमुख निर्णयों में उनकी भूमिका काफी अहम रही है. पिछले 12 महीनों में आईसीसी द्वारा हासिल की गई सबसे बड़ी चीजों में से एक में बीसीसीआई ने काफी समर्थन किया, जो कि क्रिकेट को ओलंपिक में वापस लाना है. उन्होंने ओलंपिक में क्रिकेट की 128 साल के बाद हुई वापसी पर खुशी जताते हुए कहा, क्रिकेट के ओलंपिक में शामिल होने से बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है. खासकर एसोसिएट सदस्य देश अब इस खेल के विकास के लिए सरकार और ओलंपिक संघों से धनराशि प्राप्त कर सकते हैं.