विश्व स्तर पर क्रिकेट को बनाए रखने के लिये टेस्ट क्रिकेट है जरुरी: विराट कोहली
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि क्रिकेट के खेल को विश्व स्तर पर कायम रखने के लिये टेस्ट क्रिकेट को प्रमुख प्रारूप बनाए रखना जरूरी है.
नई दिल्ली: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि क्रिकेट के खेल को विश्व स्तर पर कायम रखने के लिये टेस्ट क्रिकेट को प्रमुख प्रारूप बनाए रखना जरूरी है.
कोहली ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के पहले वार्षिक सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘मेरा मानना है कि क्रिकेट को विश्व स्तर पर बनाये रखने के लिये टेस्ट क्रिकेट सर्वोपरि है. मैं युवाओं से आग्रह करूंगा कि वे खेल के लंबी अवधि वाले प्रारूप को अपनायें. ’’ इस यादगार शाम को बिशन सिंह बेदी और मोहिंदर अमरनाथ के नाम से स्टैंड का उदघाटन किये जाने के अवसर पर दिल्ली क्रिकेट के कई दिग्गज एक साथ दिखे.
कोहली ने इस अवसर पर अंडर-14 और अंडर-16 के दिनों को याद किया जब बेदी कोच थे.
उन्होंने दिल्ली के इस दिग्गज स्पिनर और पूर्व भारतीय कप्तान मंसूर अली खां पटौदी की पत्नी शर्मिला टैगोर की उपस्थिति में कहा, ‘‘मुझे याद है कि जब मैं दिल्ली के लिये अंडर-14 और अंडर-16 में खेला करता था. बेदी सर हमें काफी कड़ा अभ्यास करवाते थे. अब यह मेरी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. ’’
कोहली ने कहा, ‘‘दिल्ली के कप्तानों के साथ यहां पर खड़ा होना बहुत बड़ा सम्मान है. मैं खुद भी दिल्ली का कप्तान हूं. ’’ बेदी ने इस अवसर पर कहा, ‘‘मैं मैदान पर उनकी (कोहली) कुछ हरकतों से भले ही सहमत नहीं हो सकता लेकिन जिस तरह से विराट मैदान पर अपना सब कुछ झोंक देता है वैसा मैंने किसी अन्य को नहीं देखा. मैंने किसी भी अन्य भारतीय को विराट की तरफ जीजान लगाते हुए नहीं देखा. विराट जैसा वास्तव में कोई नहीं है.’’
अपनी बेबाकी के लिये मशूहर बेदी ने इसके साथ ही कहा कि किस तरह से आजकल क्रिकेटर आईपीएल अनुबंध हासिल करने के लिये रणजी और दलीप ट्रॉफी का उपयोग करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की तरफ से खेलने के लिये प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन काफी काम आता है. रणजी ट्रॉफी को रणजी ट्रॉफी की खातिर और दलीप ट्रॉफी को दलीप ट्रॉफी की खातिर खेला जाना चाहिए. मुझे इन टीमों के रेड, ब्लू और ग्रीन नाम समझ में नहीं आते.’’ इस बीच अमरनाथ ने दिल्ली क्रिकेट के दिनों को याद किया.
उन्होंने कहा, ‘‘वह बिशन थे जिनकी अगुवाई में दिल्ली क्रिकेट को सम्मान मिला. वह केवल कप्तान ही नहीं थे लेकिन वास्तविक नेतृत्वकर्ता थे.’