Ranji Trophy Stats: रणजी क्रिकेट का इतिहास तकरीबन 90 साल पुराना है. दरअसल, रणजी क्रिकेट का पहला सीजन साल 1934 में खेला गया था. बहलहाल, रणजी क्रिकेट का 88वां सीजन खेला जा रहा है. रणजी क्रिकेट इतिहास में कई यादगार मुकाबले हुए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस टूर्नामेंट का एक मैच पहल ही दिन खत्म हो गया था. रणजी ट्रॉफी का यह मैच कर्नाटक और चेन्नई के बीच खेला गया था. हालांकि, उस वक्त दोनों टीमें क्रमशः मैसूर और मद्रास के नाम से जानी जाती थी. इस मैच में मद्रास ने मैसूर को पहले दिन ही हरा दिया था.
रणजी ट्रॉफी का वह ऐतिहासिक मैच...
मैसूर और मद्रास के बीच यह मैच 4 नवंबर 1934 को खेला गया था. दोनों टीमों के बीच यह मैच चेन्नई में हुआ था. पहले बल्लेबाजी करने उतरी मैसूर की टीम 27.2 ओवर में महज 48 रनों पर सिमट गई. मद्रास के लिए एजे राम सिंह ने 13.2 ओवर में 19 रन देकर 6 विकेट झटके. इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी मद्रास की टीम 43 ओवर में 130 रन के स्कोर पर ही ऑलआउट हो गई. मैसूर के लिए विजयसारथी ने सबसे ज्यादा विकेट झटके. मैसूर के लिए विजयसारथी ने 8 ओवर में 23 रन देकर 6 विकेट अपने नाम किया.
पहले दिन ही हो गया मैच का फैसला
पहले बल्लेबाजी करने उतरी मैसूर ने 48 रन बनाए. जबकि इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी मद्रास की टीम 130 रनों पर ढे़र हो गई. वहीं, मैसूर की टीम दूसरी पारी में महज 59 रनों पर सिमट गई. इस तरह मद्रास ने मैच के पहले दिन ही मैसूर को पारी और 23 रन से हरा दिया. मैसूर की दूसरी पारी में मद्रास के गेंदबाज एजे राम सिंह ने एक फिर कमाल दिखाया. इस बार एजे राम सिंह ने 5 बल्लेबाजों को पवैलियन का रास्ता दिखाया. बहरहाल, रणजी ट्रॉफी का यह मैच इतिहास में दर्ज हो गया. दरअसल, पहली बार ऐसा हुआ जब रणजी ट्रॉफी इतिहास में किसी मैच का फैसला पहले दिन ही हो गया.
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