नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के नव नियुक्त कोच अनिल कुंबले ने अपने नये पद तथा एक खेल फर्म में भागीदारी के साथ साथ आईसीसी क्रिकेट समिति के अध्यक्ष के बीच हितों के टकराव की रिपोटरें के खारिज कर दिया. इस पूर्व भारतीय कप्तान को पिछले सप्ताह मुख्य कोच नियुक्त किया गया. वह टेनविच नामक कंपनी से जुड़े रहे हैं जो खेल और परामर्शदात्री कंपनी है. कुंबले ने कहा कि कोच पद लेने से पहले ये सभी मसलों पर गौर किया गया था और वह आईसीसी क्रिकेट समिति के अध्यक्ष के रूप में काम करते रहेंगे. 



उन्होंने ‘द वीक’ से कहा, ‘‘किसी भी तरह का हितों का टकराव नहीं है. सभी चीजों पर गौर किया गया है. आईसीसी क्रिकेट समिति को मैं ज्यादा समय नहीं दे पाउंगा लेकिन मुझे उसके अध्यक्ष पद से हटने का कोई कारण नजर नहीं आता. समिति में कई अन्य राष्ट्रीय टीमों के कोच भी हैं जैसे कि डेरेन लीमन. उसमें एंड्रयू स्ट्रास है जो इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड के निदेशक हैं. उसमें राहुल द्रविड़ हैं जो भारत ए के कोच हैं.’’ 



कुंबले ने इसके साथ स्पष्ट किया कि उन्होंने कोच पद के लिये समयसीमा से पहले आवेदन कर दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘आवेदन समयसीमा के अंतर्गत कर दिया गया था. मैं इन रिपोर्ट को देखकर हैरान हूं कि मैंने समयसीमा समाप्त होने के बाद आवेदन किया था.’’ कुंबले को बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति(सीएसी) के सामने इंटरव्यू देने के बाद नियुक्त किया गया. इस समिति में उनके पूर्व साथी खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली शामिल थे.



इस पूर्व टेस्ट लेग स्पिनर ने स्वीकार किया कि अपनी टीम के पूर्व साथियों के सामने साक्षात्कार के लिये उपस्थित होने में उन्हें थोड़ा अजीब लग रहा था. भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले कुंबले ने कहा, ‘‘मेरे कहने का मतलब है कि हमने पूर्व में मिलकर कई बैठकों में हिस्सा लिया और खेल पर चर्चा की थी. उनके सामने इस तरह से पेश होने को लेकर मैं थोड़ा नर्वस था. ’’ 



उन्होंने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य भारतीय टीम को सभी प्रारूपों और सभी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखना है. कुंबले ने कहा, ‘‘निरंतर अच्छा खेल दिखाने वाली टीम बनने के लिये हमें केवल घरेलू मैदानों पर ही नहीं बल्कि हर तरह की पिच और प्रारूप में बेहतर प्रदर्शन करना होगा.’’