नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी 2019 वर्ल्ड कप की टीम में होंगे या नहीं यह अभी तय नहीं है लेकिन टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग का मानना है कि टीम को अब भी ‘‘धोनी का सही विकल्प ’’ तलाशना है.
सहवाग ने दिये विशेष इंटरव्यू में कहा,‘‘मुझे नहीं लगता कि कोई भी खिलाड़ी फिलहाल धोनी की जगह ले सकता है. ऋषभ पंत अच्छे हैं लेकिन उन्हें धोनी की जगह लेने के लिये अभी और समय चाहिये. ऐसा वर्ल्ड कप के बाद ही हो सकता है. हमें धोनी के विकल्प के बारे में 2019 के बाद ही सोचना चाहिये. तब तक पंत को अनुभव लेना चाहिये.’’ उन्होंने कहा कि प्रशंसकों यह दुआ करनी चहिये कि धोनी फिट रहें, उन्हें इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिये की वह रन बना रहे हैं या नहीं.
सहवाग ने कहा,‘‘धोनी रन बना रहे हैं या नहीं हमें यह चिंता नहीं करनी चाहिये. हमें सिर्फ यह प्रार्थना करनी चाहिये की धोनी 2019 वर्ल्ड कप तक फिट रहें. मध्यक्रम और निचले क्रम में जो अनुभव धोनी के पास है वह किसी अन्य के पास नहीं.’’ सहवाग ने कहा कि धोनी का करियर ‘जीवन चक्र’ को दर्शाता है.
उन्होंने कहा,‘‘जिंदगी की तरह, खेल की खूबसूरती यही है कि समय हमेशा एक जैसा नहीं होता. आपको उस से जूझना होता है. कभी ऐसा समय होता है जब आप ढेरों रन बनाते हैं और कभी ऐसा समय आता है जब आप रन बनाने के लिये तरस जाते है. व्यापार में भी ऐसा ही होता है हर साल आप मुनाफा नहीं कमाते हैं.’’ टीम से ऐसी खबरें भी आ रहीं कि अगर धोनी फार्म में नहीं रहते तो केएल राहुल विकेट के पीछे की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं लेकिन नजफगढ़ का यह नवाब ऐसी सोच के खिलाफ है.
उन्होंने कहा,‘‘मैं कभी ऐसे विचार का समर्थन नहीं करूगां जिसमें नैसर्गिक विकेटकीपर के अलावा किसी और को विकेट के पीछे खड़ा किया जाये. 50 ओवर का मैच इंडियन प्रीमियर लीग के 20 ओवर के मैच से काफी अलग होता है. यहां स्टंपिंग या कैच छूटने से मैच का रूख पूरी तरह बदल सकता है. यह ऐसा जोखिम नहीं है जिसे लिया जाये.’’
यह विस्फोटक बल्लेबाज का मानना है कि मध्यक्रम के बल्लेबाजों को ज्यादा मौके दिये जाने चाहिये ताकि वर्ल्ड कप से पहले हर खिलाड़ी के पास लगभग 100 मैचों का अनुभव हो. कोर टीम का गठन वर्ल्ड कप से कम से कम एक साल पहले हो जाना चाहिये.
सहवाग ने कहा,‘‘वर्ल्ड कप में मध्यक्रम में जो बल्लेबाज होंगे उन्हें और गेंदबाजों को पर्याप्त मौके दिये जाने चाहिये ताकि विश्वकप से पहले उनके पास लगभग 100 मैचों का अनुभव हो. उन्हें हर तरह की परिस्थितियों और चुनौती का सामना करने का अभ्यस्त होना चाहिये. अनुभव से आप दबाव को बेहतर तरह से निपट सकते है. मुश्किल हालातों से भी आप मैच को निकाल सकते हैं. अगर उन्हें मौका नहीं मिलेगा तो यह टीम के लिये कमजोर कड़ी साबित होगा. मुझे लगता है कि अगले तीन से छह माह में कोर टीम का गठन हो जायेगा.’’
भारत का 104 टेस्ट और 251 वनडे मैचों में प्रतिनिधित्व करने वाले सहवाग बायें हाथ के बल्लेबाजों युवराज सिंह या सुरेश रैना को मध्यक्रम में देखना चाहते है.
उन्होंने कहा,‘‘मध्यक्रम में इन दिनों में किसी एक खिलाड़ी को एक जगह मिलनी चाहिये, दूसरे स्थान पर केदार जाधव और मनीष पांडे को रोटेट किया जाना चाहिये. इस तरह टीम में एक अनुभवी खिलाड़ी होने के साथ नये खिलाड़ियों को भी मौका मिल सकेगा.’’
रविचंद्रन अश्विन के काउंटी में खेलने पर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि श्रीलंका के साथ टेस्ट श्रृंखला में लगभग 200 ओवर गेंदबाजी करने के बाद उन्हें आराम करना चाहिये था. उन्होंने कहा,‘‘मुझे लगा की टेस्ट श्रृंखला में काफी गेंदबाजी करने के कारण उन्हें आराम दिया गया है. सही तो यह होता कि वह आराम करते लेकिन यह ऐसा फैसला है जिसे अश्विन और टीम प्रबंधन को मिल कर लेना है. मुझे नहीं पता उनके दिमाग में क्या चल रहा है. शायद वे अगले वर्ष इंग्लैंड में होने वाली टेस्ट श्रृंखला को जीतने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. अगर ऐसा है तो यह फैसला सही है.’’
ऑस्ट्रेलिया के साथ घरेलू एक दिवसीय श्रृंखला के बारे में पूछे जाने पर सहवाग कहा कि भारत के लिये यह काफी मुश्किल भरा होगा. उन्होंने कहा,‘‘ऑस्ट्रेलिया से हमेशा कड़ी चुनौती मिलती है इसलिये हर खिलाड़ी उनके साथ अच्छा करना चाहता है. अगर आप ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आपको काफी सम्मान मिलता है. मुझे उम्मीद है हमारे खिलाड़ी उसके लिये तैयार होंगे.’’