अपनी पहली टेस्ट सीरीज़ के दोनों मुकाबलों में 100 से अधिक रन और मैन ऑफ द सीरीज़ का खिताब जीतना किसी भी बल्लेबाज़ का सपना हो सकता है. पृथ्वी शॉ ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ अपनी पहली ही टेस्ट सीरीज़ में इस सपने को सच भी कर दिखाया है.


इस शानदार प्रदर्शन के बाद पृथ्वी ने बताया कि किस तरह से टीम के बेहतरीन माहौल की वजह से उन्हें टूर्नामेंट में ऐसा प्रदर्शन करने में मदद मिली.


17 साल के इस भारतीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ का कहना है कि टीम में कोई सीनियर और जूनियर नहीं है.


शॉ के मुताबिक अब सब परिवार के सदस्य जैसे हैं. भारत के लिए टेस्ट पदार्पण करते हुए शॉ ने राजकोट में खेले गए पहले मैच में 134 रन बनाए थे और हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 70 और दूसरी पारी में 33 रन बनाए.


दोनों मैचों में शानदार प्रदर्शन के लिए और साथ ही कई उपलब्धियां अपने नाम करने के लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला.


मैच के बाद शॉ ने कहा, "मेरे लिए यह खुशी का पल है. भारत के लिए एक मैच का समापन करना गर्व की बात है. मैंने अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय सीरीज खेली और 2-0 से जीती, वह भी मैन ऑफ द सीरीज के पुरस्कार के साथ."


शॉ ने कहा, "टीम में अब कोई जूनियर और सीनियर नहीं रह गया है. हर कोई परिवार के सदस्य जैसा है. अगले पल में क्या होगा, इसका मुझे नहीं पता लेकिन मैं इस पल का आनंद ले रहा हूं."