गांगुली ने हालांकि कहा है कि ऐसा करने की जरूरत नहीं है.
गांगुली ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इससे शास्त्री के चयन में कुछ परेशानी आएगी. मैं हालांकि आश्वस्त नहीं हूं. जहां तक कि हमने तब भी कोच का चयन किया जब हितों के टकराव का मुद्दा था."
वहीं गांगुली से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने बोर्ड का अध्यक्ष तय होने के बाद शास्त्री से बात की है तो गांगुली ने हंसते हुए कहा, "क्यों? अब उन्होंने क्या किया."
अगर लोकपाल सीएसी को हितों के टकराव का दोषी मानते हैं तो शास्त्री को दोबारा नियुक्त करने की जरूरत है या नहीं इस पर प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने टिप्पणी करने से मना कर दिया था.
राय ने कहा था, "पहली बात तो यह काल्पनिक सवाल है. दूसरी बात, मेरा लोकपाल के फैसल से पहले कुछ भी बोलना गलत है.