क्रिकेट के खेल में यूं तो हर रोज कोई न कोई रिकॉर्ड बनता और टूटता रहता है. रोज बनते और टूटते रिकॉर्ड्स इस बात को भी दर्शातें है कि इस खेल में दिन-ब-दिन कॉम्पीटिशन बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि, इसी बढ़ते हुए कॉम्पीटिशन की वजह से कुछ खिलाड़ियों ने अपना देश छोड़कर दूसरे देशों से खेलना बेहतर समझा. आज हम आपको कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने दो-दो दो देशों के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेला.


अब्दुल हफीज कारदर और आमिर इलाही


क्रिकेट इतिहास में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए क्रिकेट खेला था. साल 1947 में जब देश आजाद होने के साथ बंटवारा हुआ तो कुछ भारतीय खिलाड़ी भी पाकिस्तान चले गए. अब्दुल हफीज कारदर और आमिर इलाही दो ऐसे ही नाम हैं जिन्होंने आजादी से पहले इंडिया के लिए टेस्ट किक्रेट खेला और फिर पाकिस्तान की तरफ से भी क्रिकेट खेला. हफीज आजादी के बाद पाकिस्तान टीम के पहले कप्तान भी बनाए गए. हाफीज लेफ्ट हैंड बैट्समैन और लेफ्ट हैंड स्पिनर थे और इलाही राइट आर्म लेग-ब्रेक स्पिन फेंकते थे.


1947 के बाद भी एक खिलाड़ी भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए खेला. उनका नाम गुल मोहम्मद था. गुल मोहम्मद साल 1952 तक इंडिया के लिए 8 मैच खेले, फिर पाकिस्तान की नागरिकता लेने के बाद वो 1956 में पाकिस्तान के लिए खेलने लगे.


कैपलर वैसल्स


द. अफ्रीका में पैदा हुए वैसल्स ने अपना वनडे डेब्यू ऑस्ट्रेलिया के लिए साल 1982 मे किया. इसी के साथ वो पहले दक्षिण अफ्रीकी प्लेयर बन गए जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया की तरफ से इंटरनेशनल क्रिकेट खेला. वैसल्स ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में सेंचुरी लगाई थी. साल 1985 में कैपलर वैसल्स ने रिटायरमेंट ले ली.  इसी बीच उनके पास साउथ अफ्रीका की वनडे टीम से बुलावा आ गया. इसके बाद वैसल्स ने साल 1991 से 94 तक द. अफ्रीका की टीम के लिए वनडे और टेस्ट में कप्तानी भी की. इनके बारे में खास बात ये कि कैपलर दुनिया के इकलौते बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने दो देशों के लिए खेलते हुए शतक लगाए.


ल्यूक रॉन्की


ल्यूक रॉन्की ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दोनों देशों के लिए खेलने वाले पहले क्रिकेटर थे. ल्यूक शानदार विकेटकीपर के साथ-साथ एक उम्दा बैट्समैन भी रहे हैं. ल्यूक ने ऑस्ट्रेलिया के लिए साल 2008 में डेब्यू किया, मगर बात बनी नहीं. फिर वापस न्यूजीलैंड की टीम में गए और पहले क्रिकेटर बन गए जिन्होंने दो बड़ी फुल टाइम ICC टीमों को रिप्रजेंट किया हो. ल्यूक न्यूजीलैंड के लिए चार साल तक खेले और जून 2017 में रिटायर हुए.


इयोन मोर्गन


इयोन मोर्गन इन दिनों इंग्लैंड की वनडे टीम के कप्तान हैं. मगर हैरानी की बात ये कि मोर्गन असल में पड़ोसी देश आयरलैंड से हैं. आयरलैंड में ही पैदा हुए, वहीं पर उन्होंने क्रिकेट खेलना सीखा. आयरलैंड के लिए अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 के साथ-साथ वनडे भी खेले. इसी बीच मिडलसेक्स के लिए खेलते हुए मोर्गन 2009 के आईसीसी वर्ल्ड कप के लिए इंग्लैंड की टीम में शामिल कर लिए गए. साल 2015 में परफॉर्मेंस अच्छी रही तो फिर इंग्लैंड की वनडे और टी-20 टीम का भी भी हिस्सा बन गए.


इमरान ताहिर


ताहिर पाकिस्तान में पैदा हुए और पाकिस्तान की अंडर-19 टीम का भी हिस्सा रहे. मगर सीनियर टीम तक पहुंचते, इससे पहले द. अफ्रीका शिफ्ट हो गए और 2011 में वहां की टीम में जगह बना ली. ताहिर ने पिछले साल खेले गए वनडे वर्ल्ड कप के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था.


डर्क नैन्स


डर्क नैन्स का जन्म नीदरलैंड्स में हुआ था. वो आईपीएल में बतौर तेज़ गेंदबाज़ दिल्ली डेयरडेविल्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लोर और चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेले. फिर वापस नीदरलैंड्स की टी-20 टीम में बुला लिए गए.  2010 में आईसीसी वर्ल्ड टी-20 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया की टीम में जगह मिली. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए वो वर्ल्ड कप खेला. इस तरह उन्होंने पहले नीदरलैंड्स के लिए और बाद में ऑस्ट्रेलिया के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेला.