नई दिल्ली: एक तरफ टीम इंडिया इंग्लैंड में चैम्पियंस ट्रॉफी खेल रही थी और दूसरी तरफ यहां भारत में बीसीसीआई ने भारतीय टीम के नए कोच के आवेदन के लिए नोटिस जारी कर दिया था. ये एक ऐसी खबर थी जिससे क्रिकेट से जुड़ा हर व्यक्ति चौंक गया था. बीसीसीआई के इस कदम से उस वक्त एक बात तो साफ हो चुकी थी कि बीसीसीआई अनिल कुंबले के कार्यकाल को विस्तार देने मूड में नहीं है.



कुंबले को सचिन, सौरव और लक्ष्मण की तीकड़ी ने चुना था





 



कुंबले को पिछले साल 24 जून को भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया गया था. कुंबले के कोच बनने में क्रिकेट के तीन दिग्गज और क्रिकेट सलाहकार समिति के तीनों सदस्य यानि सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर का सीधा हाथ रहा था. इसी समिति ने कुंबले का इंटरव्यू लिया और उन्हें कोच चुन लिया गया, जो कि पहले से ही तय माना जा रहा था.



कोच बनने के बाद कुंबले का जैसा शानदार कार्यकाल रहा था, उसे देखकर किसी के लिए भी विश्वास करना मुश्किल हो रहा था कि कुंबले को उनके पद पर विस्तार क्यों नहीं मिल रहा है. कुंबले के कोच रहने के दौरान टीम इंडिया ने 5 टेस्ट सीरीज खेली और पांचों में जीत का परचम लहराया.



कोच के तौर पर शानदार रहा है कार्यकाल



कुंबले के कार्यकाल में सबसे पहले टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज से 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली. इस सीरीज में भारत ने वेस्टइंडीज को उसके ही घर में 2-0 से मात देकर सीरीज पर कब्जा किया. कुंबले की दूसरी बड़ी टेस्ट सीरीज अपने घर में थी, जिसमें उसे न्यूजीलैंड से भिड़ना था. इस में भी ‘जंबो’ के जांबाजों ने कमाल दिखाया और तीन मैचों की सीरीज पर 3-0 से कब्जा कर लिया. यही नहीं न्यूजीलैंड को भारत ने वनडे सीरीज में भी 3-2 से पीट दिया.



कुंबले का बड़ा इम्तेहान तब माना जा रहा था, जब इंग्लैंड की टीम भारत के साथ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए हिन्दुस्तान आई थी. लेकिन इस बार भी कुंबले की कोचिंग में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और पहला मैच ड्रॉ खेलने के बाद अगले चारों मैच अपने नाम कर लिए. 



कुंबले के कार्यकाल में टीम इंडिया ने चौथी टेस्ट सीरीज बांग्लादेश के खिलाफ खेली. लेकिन इस बार भी नतीजा वही निकला जो पिछली तीनों सीरीज का निकला था. भारत में पहली बार टेस्ट खेलने आई बांग्लादेश की टीम एकलौते टेस्ट मैच में बुरी तरह से फेल रही और 208 रनों से हार गई.





इन सब के बाद कुंबले के जांबाजों को अपने घर में ही सही लेकिन दुनिया की सबसे बेहतरीन टीमों में से एक ऑस्ट्रेलिया से भिड़ना था. आपको बता दें कि कुंबले के लिए यह सीरीज मुश्किल भरा लग रहा था और हुआ भी कुछ ऐसा ही. पुणे में हुए पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन ये उस सीरीज की आखिरी हार थी. अगले मुकाबले में भारत को शानदार जीत मिली. तीसरे मुकाबले में भी टीम इंडिया अच्छा खेली लेकिन मैच ड्रॉ रहा. आखिरी और निर्णायक मुकाबले में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेटों से हराकर सीरीज पर 2-1 से अपना कब्जा जमा लिया.



कुंबले का ये शानदार प्रदर्शन सिर्फ टेस्ट में ही नहीं, बल्कि वनडे और टी-20 मैचों में भी जारी रहा. आपको बता दें कि कुंबले के कार्यकाल में टीम इंडिया ने दो वनडे सीरीज पर भी कब्जा जमाया. पहले न्यूजीलैंड को 3-2 से हराया और फिर इंग्लैंड को 2-1 से.



गौरतलब है कि जिस कोच को मजबूरन अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, उसके कार्यकाल में टीम इंडिया ने 17 में से 12 टेस्ट मैच जीते. 13 वनडे मैचों में से 8 अपने नाम किए और 4 टी-20 मुकाबलों में से 2 पर कब्जा जामाया. 



आपको याद ही होगा कि हाल में खत्म हुए चैम्पियंस ट्रॉफी में भी भारतीय टीम ने शानदार खेल दिखाया और फाइनल तक का सफर तय किया था. बस फाइनल में उसे पाकिस्तान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.



विवादों के बाद दिया था इस्तीफा



कुंबले ने अपने इस्तीफे के बाद ये बात भी सब के सामने खोलकर रख दी थी कि कोहली और उनके दरमियान काफी दिनों से खींचतान चल रही थी. बाद में मीडिया रिपोर्ट्स में भी दोनों के रिश्तों की कड़वाहट कई बार सामने आती रही. यही नहीं वेस्टइंडीज में हुए एक प्रेस कन्फ्रेंस में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी कुंबले पर इशारों इशारों में ही सही लेकिन ड्रेसिंग रूम की बात जगजाहिर करने पर निशाना साधा था. 



शानदार करियर रहा है 'जंबो' का





 



अनिल कुंबले भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ियों में से रहे हैं. लेग स्पिनर कुंबले ने टीम इंडिया की ओर से 132 टेस्ट खेले हैं, जिसमें उन्होंने सिर्फ 2.69 की इकॉनोमी रेट के साथ 619 विकेट अपने नाम किए हैं. वहीं 271 वनडे मैचों में उन्होंने साढ़े चार की इकॉनोमी रेट से 337 विकेट चटकाएं हैं. आपको बता दें कि कुंबले ने टेस्ट में शतक भी लगाया है.