लंदन: भारतीय क्रिकेट टीम के कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच विवाद की खबर को दिग्गज बल्लेबाज सुनिल गावस्कर ने नकारते हुए कहा है कि कप्तान और कोच के बीच में गलतफहमियां होती रहती हैं. कुंबले के कोच पद पर बीसीसीआई और कोहली से विवाद के चलते काले बादल मंडरा रहे हैं.
खबरों के मुताबिक कोहली को कुंबले का सख्त रुख बर्दाश्त नहीं है और इसी के कारण दोनों के बीच विवाद उपजा है.
यहां एक कार्यक्रम में गावस्कर ने बुधवार को कहा, "किसी भी देश में ऐसा नहीं हो सकता की कोच और कप्तान दोनों हर बात पर सहमत हों. दोनों में हमेशा थोड़ा बहुत वैचारिक मतभेद रहता ही है. कोच हमेशा पहली पीढ़ी का होता है या हाल ही में खत्म हुई पीढ़ी का."
उन्होंने कहा, "इसलिए खेल के प्रति सोचने का उसका तरीका, नजरिया हमेशा थोड़ा अलग होता है."
उन्होंने कहा, "यह मैदान पर नहीं होना चाहिए. यह अभ्यास सत्र या टीम संयोजन पर हो सकता है. मुझे नहीं लगता कि इसे गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि इस तरह की चर्चा टीम के लिए अच्छी नहीं है."
गावस्कर से जब कहा गया कि कुंबले से पहले रवि शास्त्री के साथ कोहली के अच्छे ताल्लुकात थे तो इस पर उन्होंने कहा, "मैं निश्चित हूं कि अगर उन दोनों में कोई मतभेद थे तो वो शायद सामने नहीं आए."
कुंबले का खिलाड़ियों और खुद के लिए ज्यादा पैसा मांगना भी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को रास नहीं आया और इसी कारण उसने कुंबले का एक साल का कार्यकाल खत्म होने के बाद नए कोच के लिए आवेदन मंगाए हैं.
समाचार चैनल आजतक के सलाम क्रिकेट कांक्लेव में गावस्कर ने कहा, "कुंबले को एक साल का करार सौंपा गया था. अब जब उनका कार्यकाल खत्म हो गया है तो बीसीसीआई ने नए कोच के लिए सारे नियमों का पालन किया है और कुंबले को सीधे प्रवेश की मंजूरी दी है. हो सकता है कोई और कोच पद के लिए आवेदन ही न दे."
उन्होंने कहा, "मेरे हिसाब से बीसीसीआई अपने नियमों का पालन कर रही है."
गावस्कर ने कुंबले के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा है, "कुंबले ने एक कोच के तौर पर अच्छा काम किया है. मैं सिर्फ पिछले साल के परिणाम के दम पर कह रहा हूं. आप कह सकते हैं उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया."
उन्होंने कहा, "कोच ऐसा होना चाहिए जिसके पास भारतीय क्रिकेट को लेकर एक नजरिया हो. उसके पास ऐसा दृष्टिकोण होना चाहिए, जिसे लेकर टीम अगले 8-10 वर्षो तक आगे बढ़ सके."