गाले: आईसीसी जहां क्रिकेट को दर्शकों के मुताबिक ढालने के लिए लगातार नये नये प्रयोग कर रहा है, वहीं रेडबुल ने भी विश्व संस्था से प्रेरणा लेते हुए रेडबुल क्रिकेट कैम्पस टूर्नामेंट में दो पारियों के विचार और एक एनरजाइजर ओवर के साथ प्रयोग किया है.



 



रेडबुल क्रिकेट कैम्पस विश्व फाइनल्स के पांचवें राउंड में आयोजकों ने एक ‘एनरजाइजर ओवर’ की शुरूआत की जिसमें इस ओवर में बनाये गये रन दोगुने हो जायेंगे और अगर टीम विकेट गंवाती है तो पांच रन प्रतिद्वंद्वी टीम के स्कोर में जोड़ दिये जायेंगे.



 



एनरजाइजर ओवर कई टीमों के लिये मैच का रूख पलटने वाला साबित हो रहा है. कल पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश ने इसी के बूते दो विकेट से जीत दर्ज की. बांग्लादेश ने जीत के लिये 153 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 16वें ओवर में 28 रन जोड़े.



 



बांग्लादेश के कोच शहक ममून ने कहा, ‘‘यह अच्छा प्रयोग है. इससे टीम को मदद मिल सकती है और उससे जीत का मौका भी प्रभावित हो सकता है. यह सकारात्मक और नकारात्मक दोनो है. इसलिये यह इस तरह के टूर्नामेंट के लिये अच्छा प्रयोग है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे लागू किया जा सकता है. ’’ 



 



भारत के ऑलराउंडर यश नाहर भी इसके पक्ष में नहीं थे क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को ज्यादा फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘इससे लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को फायदा मिलेगा, अगर उन्हें अंत के ओवरों में काफी रन जुटाने हैं. यह किसी तरफ जा सकता है लेकिन मैं इस विचार के पक्ष में नहीं हूं. ’’ 



 



भारतीय कप्तान हितेश वालुंज को लगता है कि यह अच्छा है, बशर्ते इसमें एनरजाइजर ओवर सात से 15वें ओवर में लिया जाये. उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छा विचार है, लेकिन अगर इसे सातवें से 15वें ओवर के बीच में लिया जाये. इसे इन्हीं ओवर में लेना अनिवार्य बना देना चाहिए. वर्ना अगर यह अंतिम ओवर में लिया जायेगा तो इससे उबरने का समय नहीं मिलेगा. ’’